पंजाब में बदलेगा पॉलिटिकल नैरेटिव, अब इन वोटरों पर होगा फोकस

Edited By Kalash,Updated: 20 Nov, 2021 12:33 PM

political narrative will change in punjab now focus will be on these voters

भाजपा सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के फैसले के बाद पंजाब में पॉलिटिकल नैरेटिव बदल जाएगा। पिछले डेढ़ साल से पंजाब में किसान राजनीति के केंद्र में थे और सारी राजनीतिक पार्टियां किसानों को केंद्र में रखकर राजनीति कर रही थीं..........

खन्ना (विशेष): भाजपा सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के फैसले के बाद पंजाब में पॉलिटिकल नैरेटिव बदल जाएगा। पिछले डेढ़ साल से पंजाब में किसान राजनीति के केंद्र में थे और सारी राजनीतिक पार्टियां किसानों को केंद्र में रखकर राजनीति कर रही थीं, लेकिन ये तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद अब शहरी वोटर भी राजनीति के केंद्र में आ जाएगा।

यह भी पढ़ें : किसान आंदोलन खत्म होने का क्या पड़ेगा टोल टैक्स पर प्रभाव

किसान आंदोलन के चलते पंजाब में भाजपा के नेता अपनी बात लोगों के सामने नहीं रख पा रहे थे और उनकी राजनीतिक बैठकों का हर जगह विरोध हो रहा था और किसान भाजपा नेताओं का हर जगह पर घेराव कर रहे थे। लेकिन अब कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद भाजपा के नेता पंजाब में अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लायक हो जाएंगे। कृषि कानूनों के प्रति गुस्से के कारण ही भाजपा शहरी वोटर, बिजनेसमैन और उद्योगपति वर्ग जैसे अपने कोर वोटर के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद नहीं कर पा रही थी, अब भाजपा के लिए ऐसा करना आसान हो जाएगा। किसान कानूनों के कारण किसानों से लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों का अटैक भाजपा की तरफ था और पंजाब में कांग्रेस की सरकार की जवाबदेही कोई तय नहीं कर रहा था।

यह भी पढ़ें : दुबई से आए तीन दोस्तों के साथ घटा दर्दनाक हादसा, कार के उड़े परखच्चे

दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मजदूर संगठन ने किसान बिलों का मसला उठाया था तथा बाद में दशहरा पर्व पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस मामले का हल करने की वकालत की थी। उसके बाद भाजपा ने एक हफ्ते में 2 बड़े फैसले करके पंजाब के वोटरों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह राज्य के हर वर्ग को साथ लेकर चलना चाहती है।

यह भी पढ़ें : इन खुफिया रिपोर्ट्स के कारण PM मोदी ने रद्द किए तीन कृषि कानून

इसी रणनीति के तहत गुरुपर्व से लगभग 2 दिन पहले करतारपुर गलियारा खोला गया और यह गलियारा भी पंजाब भाजपा के नेताओं द्वारा भाजपा की केंद्रीय लीडरशिप के साथ मुलाकात करने के बाद खोलने पर सहमति बनी। इससे सिख मतदाताओं में भाजपा के प्रति अच्छा संदेश गया।

यह भी पढ़ें : आढ़तियों के लाइसेंस को लेकर लागू हुआ यह नियम, पढ़ें पूरी खबर

हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि 29 नवम्बर से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान भाजपा कृषि कानूनों की वापसी के अलावा इस क्षेत्र के लिए और क्या कदम उठाने का ऐलान करती है। संसद में भाजपा की यह रणनीति पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव में सियासत की दिशा तय कर सकती है। लिहाजा अब तमाम राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें संसद के अगले सत्र पर टिकी रहेंगी।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!