पिटबुल डॉग ने मासूम को 25 जगह काटा, सभी घावों में लगेंगे इंजैक्शन

Edited By Sunita sarangal,Updated: 30 Jan, 2020 09:59 AM

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सिविल अस्पताल से नहीं मिले इंजैक्शन, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

जालंधर(सुधीर/ विशेष): स्थानीय माई हीरां गेट के पास पड़ते पुरीयां मोहल्ले में ट्यूशन पढ़कर लौट रहे मासूम को पिटबुल डॉग ने कुल 25 जगह पर बुरी तरह से काटा है। इस बात का खुलासा उपचार दौरान हुआ। जबकि बताया जा रहा है कि मासूम को उपचार दौरान 25 स्थानों पर हुए घावों में ही इन्फैक्शन दूर करने के लिए इंजैक्शन लगाए जा रहे हैं। बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया कि सिविल अस्पताल के अंदर से इंजैक्शन नहीं मिले जिस कारण उन्हें इंजैक्शन बाहर से मंगवाने पड़े। 

उन्होंने बताया कि डाक्टरों के मुताबिक बच्चे के शरीर से इन्फैक्शन दूर करने के लिए 25 स्थानों पर हुए घावों में ही इंजैक्शन लगाने अनिवार्य हैं, अन्यथा बच्चे के दिमाग व रीढ़ की हड्डी में भी इन्फैक्शन फैल सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चे की रीढ़ की हड्डी व दिमाग की कल स्कैनिंग करवाई जाएगी। उधर दूसरी तरफ पुलिस ने भी डॉग मालिक के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की। दूसरी तरफ थाना नं. 3 के प्रभारी रशमिंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल पुलिस को पीड़ित बच्चे के परिजनों ने कोई बयान नहीं दिए जिस कारण पुलिस ने फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की।

उल्लेखनीय है कि गत दिवस रेलवे रोड निवासी लक्ष्य उप्पल (12) साइकिल पर ट्यूशन पढ़ कर लौट रहा था कि अचानक एक घर से बाहर आए पिटबुल ने मासूम बच्चे पर हमला कर दिया था, जिसके बाद उसे उपचार के लिए निजी अस्पताल भर्ती करवाया गया। दूसरी तरफ मासूम बच्चे के परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि शहर में पिटबुल पर पूर्ण रूप से पाबंदी होनी चाहिए व मासूम बच्चे पर हमला करने वाले पिटबुल को भी मोहल्ले से बाहर निकलवाया जाए ताकि कोई अन्य पिटबुल का शिकार न हो सके।

लोग शर्त लगवाने के लिए पाल रहे खतरनाक पिटबुल
जालंधर के पुरियां मोहल्ले में मंगलवार की शाम ट्यूशन से घर लौट रहे 12 वर्षीय बच्चे लक्ष्य पर पिटबुल ने हमला कर दिया। 10 मिनट तक कुत्ता बच्चे को नोचता रहा। आस-पड़ोस के लोगों ने बच्चे को कुत्ते से बचाने की लाख कोशिशें कीं, डंडों-बाल्टियों से पीटा भी, लेकिन सब नाकाम। आखिर बच्चे ने खुद ही हिम्मत दिखाते हुए अपने हाथों से कुत्ते के जबड़े को खोला और खुद को बचाया। पिटबुल द्वारा किसी को नोचे जाने की यह पहली घटना नहीं है। पिछले साल से ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट कड़ा संज्ञान ले रहा है मगर सरकार पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। कुत्तों के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों और महिलाओं को होती है। बच्चे गली में खेलते हैं तो कुत्तों के काटने का डर बना रहता है।

पंजाब में न तो घरों में कुत्ते रखने की पाबंदी है और न ही इनकी रजिस्ट्रेशन का कोई प्रावधान है। वहीं यह भी देखने में आया है कि कुत्ते पालने और बेचने का बहुत बड़ा कारोबार है। जो लोग इन्हें पालते हैं वे खुद इन्हें आक्रामक बनाते हैं फिर कुत्तों को आपस में लड़ाने की शर्तें लगती हैं। ऐसे ही मामले जिला तरनतारन और बठिंडा में पुलिस के सामने आए हैं। एक मामले में तो पुलिस को दो पिटबुल कुत्तों को न केवल थाने में रखना पड़ा, बल्कि उनकी सेवा भी करनी पड़ी। फिर जब एक कुत्ता भाग गया तो पुलिस 4 किलोमीटर तक कुत्ते के पीछे भागती दिखी। दूसरी ओर कुत्ते पालने का शौक स्टेट्स सिंबल बनता जा रहा है और लोग शर्त लगाने के लिए पिटबुल पाल रहे हैं और नगर निगमों में इनकी रजिस्ट्रेशन का कोई प्रावधान ही नहीं है। 

वर्ष 2016 में कुत्तों के आयात पर लगी थी पाबंदी
नगर निगम जालंधर के डाक्टर राज कमल सिद्धू से जब कुत्तों की रजिस्ट्रेशन के संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि निगम में रजिस्ट्रेशन संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। यदि कोई व्यक्तिगत तौर पर अपने डॉग की रजिस्ट्रेशन करवाना चाहे तो कैनल क्लब चेन्नई में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होती है। जब उनसे पैट डॉग के काटने पर कार्रवाई के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि फिलहाल उनके पास कोई शिकायत नहीं आती। फिर भी जैसी शिकायत होगी निगम उस पर जो कार्रवाई बनती होगी, जरूर करेगा। साथ ही यह भी कहा कि निगम की तरफ से स्ट्रीट डॉग्स स्टरलाइजेशन के साथ-साथ उन्हें पकड़ कर इंजैक्शन लगाए जा रहे हैं ताकि रैबीज न फैल सके। डॉक्टर ने बताया कि विदेशी नस्ल के कुत्तों के आयात पर 2016 से पाबंदी लगी हुई है।

बच्चों और महिलाओं को ज्यादा काटते हैं कुत्ते 
पिछले कुछ समय से कुत्ते ज्यादा आक्रामक हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर खबरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। यह भी देखने में आया है कि जितनी जगह भी कुत्तों के काटने की घटनाएं हुई हैं उनमें ज्यादातर घटनाएं बच्चों और महिलाओं को नोचे जाने की हैं। कुछ घटनाओं में तो कुत्तों ने बच्चों और महिलाओं के मुंह पर काटा है। लोगों को काटने के साथ ही कुत्ते पशुओं को भी काट रहे हैं। एक ऐसी ही घटना कुछ महीने पहले एक गाय को पिटबुल द्वारा काटे जाने की भी है। पिटबुल ने गाय को मुंह पर काटा और जब तक गाय की मौत नहीं हो गई उसने छोड़ा नहीं।

लॉक हो जाता है जबड़ा
जैसा कि मंगलवार की घटना में लोगों ने पिटबुल को डंडों-बाल्टियों आदि से भी पीटा लेकिन उसने बच्चे को नहीं छोड़ा। आखिर बच्चे ने खुद ही अपने हाथों से कुत्ते का जबड़ा खोला। इसका कारण यह है कि पिटबुल जब किसी को काटता है तो उसका जबड़ा लॉक हो जाता है और वह अपना मुंह नहीं खोल पाता।

पिटबुल जितनी जगह काटता है उतनी जगह लगते हैं इंजैक्शन
जैसा कि जालंधर में ट्यूशन से लौट रहे बच्चे को पिटबुल ने काटा है तो उसके जितनी जगह पर पिटबुल ने काटा, उसे उतनी ही जगहों पर इंजैक्शन लगाए गए। पांच दिन इंजैक्शन लगाने के बाद एक अलग से इंजैक्शन लगाया जाता है।

अमरीका सहित कई देशों में पिटबुल बैन
जानकारी के मुताबिक अमरीका, कनाडा, रूस, फ्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, बैल्जियम, फिनलैंड, डेनमार्क, पोलैंड, नार्वे, स्पेन, इटली आदि देशों में पिटबुल पर पूर्ण रूप से बैन है। वैसे भी यदि किसी ने डॉग रखना है तो बाकायदा उसकी रजिस्ट्रेशन होती है और डॉग के गले में पटा और टोकन डाला जाता है। उसके बाद जब कोई व्यक्ति डॉग को घुमाने के लिए बाहर जाता है तो साथ में खुरपी और बैग लेकर जाता है। अगर डॉगी रास्ते में पोटी कर दे और मालिक द्वारा न उठाई जाए तो इस पर 500 डॉलर जुर्माने का प्रावधान है।  

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