Edited By Kamini,Updated: 01 Aug, 2024 01:13 PM
पेरिस ओलंपिक पर आज वीरवार को सबकी नजरे टीकी हुई हैं। गौरतलब है कि आज के ओलंपिक में निशानेबाज अंजुम मोदगिल व सिफत अपना सफर शुरू करेंगी। दोनों 50 मीटर राइफल थ्री पोजीसन पुरुष क्वालीफिकेशन में हिस्सा लेंगी।
पंजाब डेस्क : पेरिस ओलंपिक पर आज वीरवार को सबकी नजरे टीकी हुई हैं। गौरतलब है कि आज के ओलंपिक में निशानेबाज अंजुम मोदगिल व सिफत अपना सफर शुरू करेंगी। दोनों 50 मीटर राइफल थ्री पोजीसन पुरुष क्वालीफिकेशन में हिस्सा लेंगी। अंजुम का यह दूसरा ओलंपिक है. वह सिफत कौर समरा के साथ निशाना साधेंगी और फाइनल में जगह पक्की कर पदक जीतने की कोशिश करेंगी।
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गौरतलब है कि इन दोनों का मुकाबला आज दोपहर 3.30 बजे शुरू होगा। आपको बता दें कि दोनों का लिंक चंडीगढ़ से हैं, क्योंकि अंजुम मोदगिल चंडीगढ़ की रहने वाली है और सिफत कौर ने चंडीगढ़ से निशानेबाजी सीखी हैं। अंजुम ने 2007 में पहली बार शूटिंग रेंज देखी थी और उस समय वह 13 वर्ष की थी। अंजुम ने मां उसे अपने साथ साथ पहली बार शूटिंग रेंज लेकर गई जिसके बाद उन्होंने फिर गन को नहीं छोड़ा और इसी में अपना करियर बनाने की ठानी।
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अंजुम ने चंडीगढ़ के सेक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई के दौरान शूटिंग शुरू की। उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन डीएवी कालेज, चंडीगढ़ से मानविकी की पढ़ाई पूरी की। आपको बता दें अंजुम मोदगिल चंडीगढ़ सेक्टर-37 की रहने वाली है। इसी के साथ ही वह शौकिया तौर पर पेंटिंग भी करती हैं। खुद यूनिवर्सिटी लेवल शूटर रहीं शुभ कहती हैं 2007 में पहली बार वह रेंज पर गई और पिस्टल से शूटिंग की। मगर अंजुम को स्कूल में राइफल शूटर एनसीसी ने बनाया है। 2008 में उसने अपने स्कूल में ओपन साइट वेपन से निशाना साधा।
50 मीटर राइफल 3-पोजिशन इसमें शूटर को 3 पोजिशंस- घुटने टेक कर, लेटकर और खड़े होकर निशाना लगाना होता है। तीनों का स्कोर टोटल करने के बाद लीडर का फैसला होता है। अंजुम मौदगिल को सबसे पहले पिस्टल उसकी मां शुभ मौदगिल ने दी थी। जो कि खुद शिक्षिका थी। वहीं सिफत कौर ने शूटिंग के लिए मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी है। एमबीबीएस कर रही थी।
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