शहीद सैनिक की किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने नहीं ली सुध, परिवार का छलका दर्द

Edited By Tania pathak,Updated: 10 Apr, 2021 05:19 PM

no administrative officer took care of martyr soldier

मृतक सैनिक के पिता पूर्व फौजी नछत्तर सिंह ने बताया कि उसके पुत्र जगदीप सिंह की ड्यूटी जम्मू कश्मीर में थी।

बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): सैनिक जगदीप सिंह की मौत पर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी की तरफ से कोई सुध न लेने पर मृतक के फौजी परिवार और आम लोगों में इस प्रति भारी नाराजगी पाई जा रही है।

मृतक सैनिक के पिता पूर्व फौजी नछत्तर सिंह ने बताया कि उसके पुत्र जगदीप सिंह की ड्यूटी जम्मू कश्मीर में थी। श्रीनगर में ड्यूटी के दौरान दिसंबर महीने में उस पर अचानक ही बर्फ की पहाड़ी गिर गई। वह लगभग पौने घंटा बर्फ में ही दबा रहा। छाती तक उस पर बर्फ जमा हो गई थी। पौने घंटे बाद उसको बर्फ से बाहर निकालकर सेना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पहले 26 दिनों तक वह जम्मू के सैनिक अस्पताल, फिर उदमपुर में एक महीना और फिर उन्हें घर आराम करने के लिए एक महीने की छुट्टी दे दी गई। परन्तु दो सप्ताह बाद उनकी हालत फिर बिगड़ने लगी।

9 फरवरी को उन्हें कमांड अस्पताल चंडीगढ़ रैफर कर दिया। 25 मार्च को वह फिर वापिस घर आ गए। परन्तु 27 मार्च को वह फिर से बीमार हो गए। उसके बाद उन्हें आदेश अस्पताल बठिंडा में दाखिल करवा दिया। 4 अप्रैल को फिरसे उन्हें मिल्ट्री अस्पताल जालंधर रैफर कर दिया गया और 7 अप्रैल को मृतक ऐलान कर दिया और यह भी कह दिया कि वह कोरोना पॉजिटिव थे।

उन्होंने कहा कि बर्फ में दबने के कारण उनकी छाती की इंफैक्शन हो गई थी, जो ठीक नहीं हुई थी। वह इसी कारण ही शहीद हुए है। परन्तु न तो सरकार ने उसको शहीद का दर्जा दिया और न ही उसके संस्कार के समय सलामी दी गई। जिस कारण उनका परिवार अपने आप को अपमानित महसूस कर रहा है कि देश की सेवा करने वाले सैनिकों की क्या यह कद्र है? उनके बेटे जगदीप सिंह की विधवा पत्नी और उसकी दो छोटी बच्चियां भी हैं।
 

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