Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Oct, 2021 05:31 PM
पंजाब सरकार द्वारा बिजली संकट से उभरने के लिए कोयले की जगह सौर ऊर्जा को अपनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
लुधियाना (हितेश): पंजाब सरकार द्वारा बिजली संकट से उभरने के लिए कोयले की जगह सौर ऊर्जा को अपनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। यह दावा वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने किया है। मनप्रीत सिंह बादल कारोबारियों की समस्याएं को जानने के लिए आयोजित प्रोग्राम में पहुंचे हुए थे। उनके साथ कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु, गुरकीरत कोटली भी मौजूद थे। मनप्रीत बादल ने कहा कि जब तक कोयले की कमी पूरी नहीं हो जाती, तब तक सरकार महंगे दाम पर बिजली खरीद कर स्पलाई को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि कोयले की कमी के कारण पैदा हुए हालातों से सबक लेना जरूरी है।
मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि पंजाब में 80 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कोयले से किया जाता है। वर्ल्ड मार्केट में कोयले के भाव ढाई गुणा तक बढ़ गए हैं और खदानें में पानी भरने के कारण कोयले की स्पलाई नहीं हो रही है। इस दौरान कोविड के बाद औद्योगिक सैक्टर में बिजली की मांग में विस्तार होने के कारण परेशानी आ रही है।उन्होंने पंजाब में बिजली के रेट ज्यादा होने का इल्जाम भी केंद्र सरकार पर लगाया है। उन्होंने कहा है कि पंजाब कोयले की खदानों से बहुत दूर है और रेलवे की तरफ से लिफ्टिंग के चार्ज पिछले 5 सालों के दौरान दुगने कर दिए गए है। इसके साथ बिजली के प्रति यूनिट रेट में 2 रुपए का विस्तार हुआ है।
2 किलोवाट तक के कनेक्शनों के बकाया बिल माफ करने के बाद सभी श्रेणियों के बिजली बिलों में छूट देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। हालांकि उन्होंने इस संबंधी विवरन सांझा करने से इंकार कर दिया परन्तु यह साफ कर दिया कि यह राहत दीवाली से पहले मिलेगी।
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