लोकसभा चुनाव: इस बार वोटरों की अंगुलियों पर लगेगी 33 करोड़ रूपए की स्याही

Edited By Mohit,Updated: 17 Apr, 2019 04:42 PM

lok sabha election

लोकसभा चुनावों के सात चरणों में होने वाली पूर्ण मतदान प्रक्रिया व आगामी माह मई तक सम्पन्न होने वाले चुनाव में चुनाव आयोग के किए गए प्रबंधों के खर्चे हर बार बढ़ते है और इन खर्चो में अहिम है वोटरों............

अमृतसर (कक्कड़): लोकसभा चुनावों के सात चरणों में होने वाली पूर्ण मतदान प्रक्रिया व आगामी माह मई तक सम्पन्न होने वाले चुनाव में चुनाव आयोग के किए गए प्रबंधों के खर्चे हर बार बढ़ते है और इन खर्चो में अहिम है वोटरों की अंगुलियों पर लगने वाली स्याही जिसका खर्च इस वर्ष 33 करोड़ रूपए है, और चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा के हो चुके व शेष होने वाले चुनावों में वोटरों की अंगुलियों पर 33 करोड़ रूपए की स्याही का खर्च किया गया है कि हर चुनाव की तैयारी में सब से अहिम होता है वोटर की अंगुली पर लगने वाली नीली स्याही और मौजूदा वर्ष 2019 के लोक सभा चुनावों में चुनावा अयोग द्वारा 33 करोड़ की नीली स्याही का आर्डर किया गया था। 

इस बार का आर्डर वर्ष 2009 के चुनावों से करीब तीन गुणा ज्यादा है, पता चला है कि 2009 में स्याही की कीमत 12 करोड़ रूपए थी, वहीं वर्ष 2014 के लोक सभा चुनावों के मुकाबले इस बार पक्की स्याही की 4,5 लाख बोतले ज्यादा मंगवाई गई है, हर बोतल में 10 मिलीलीटर स्याही होती है, एक बोतले में करीब 350 वोटर की अंगुलियों पर निशान लगाया जा सकता है, दिलचस्प बात यह भी है कि वर्ष 2004 तक मतदान के निशान के लिए केवल एक डॉट लगती थी, 2006 से निर्वाचन आयोग ने इसकी जगह एक लम्बी सीधी लाईन लगाने का निर्देश दे दिया। इससे स्याही की खपत ज्यादा होने लगी। 

जानकारी अनुसार उक्त नीली स्याही कर्नाटक सरकार का उपक्रम मैसुर पेंट्रस वार्निश लिमिटेड चुनाव आयेाग के लिए पक्की स्याही बनाने का काम करता है, यह एक सरकारी अधिकृत निर्माता है जो इस स्याही को बनाता है।

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