उद्घाटन से पहले ही विवादों में था Jalandhar का नोटोरियस क्लब, चर्चा में हाई प्रोफाइल मामला

Edited By Vatika,Updated: 12 Aug, 2025 06:00 PM

jalandhar notorious club

नगर निगम ने शुरूआत में सील की थी बिल्डिंग, लेकिन अगले ही दिन दे दी हरी झंडी

जालंधर (अनिल पाहवा) : लाजपत नगर में स्थित नोटोरियस क्लब हाल ही में हुए हाई प्रोफाइल कातिलाना हमले के बाद से चर्चा में है। 3 अगस्त रात की घटना के बाद लगातार यह क्लब कैसे-कैसे विवादों से जुड़ा हुआ है, वो सब सामने आ रहा है। क्लब में देर रात शुरू होने वाला जाम से जाम टकराने का क्रम सुबह 3 -4 बजे तक चलता रहा और इस दौरान कथित तौर पर क्लब में कई तरह के अनियमित काम होते थे। इस घटनाक्रम ने जहां क्लब की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, वहीं क्लब के निर्माण के दौरान भी हुई नियमों की अवहेलना का भी चिट्ठा खोल दिया है।

उदघाटन के समय ही हो गई थी शिकायत
जानकारी के अनुसार इस बात को लेकर भी चर्चा है कि जिस समय क्लब का निर्माण हुआ था, तभी से विवाद शुरू हो गया था। क्लब को बिल्डिंग लॉ के अकार्डिंग नहीं बनाया गया है, इस बात को लेकर बकायदा नगर निगम जालंधर को एक शिकायत दी गई थी और उस पर एक्शन लेने के लिए मांग की गई थी। हैरानी की बात है कि उस शिकायत को दबाने की कोशिश की गई तथा किसी भी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया गया।

टाप फ्लोर पर बार व रोस्टोरैंट को लेकर भी सवाल
निगम को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि जिस फ्लोर पर नोटोरियस क्लब खोला गया है, वह पूरी तरह से अवैध है। गौरतलब है कि लाजपत नगर की एक ईमारत के टॉप फ्लोर पर नोटोरियस क्लब खोला गया था। बिल्डिंग लॉ के नियमों के मुताबिक टॉप फ्लोर पर इस प्रकार की कमर्शियल गतिविधियां अमान्य हैं, जबकि जिस इमारत में नोटोरियस क्लब है, उसके टॉप फ्लोर पर रैस्टोरैंट व बार खोले गए हैं। शराब के शौकीनों को दारू सर्व करने के लिए बकायदा कैबिन बनाए गए हैं, जोकि बिल्डिंग बाई लॉ के मुताबिक अवैध है।

किसने खुलवाई थी बिल्डिंग की सील
सूत्रों का कहना है कि जब शुरू में क्लब की शिकायत हुई तो नगर निगम ने अपनी तरफ से तुरन्त एक्शन लिया और बिल्डिंग को सील कर दिया। हैरानी की बात है कि जिस तरह से 3 अगस्त की रात को हुए हाई प्रोफाइल कातिलाना हमले की घटना को दबाने की कोशिश की गई, उसी तरह से कुछ साल पहले बिल्डिंग सील करने का मामला भी दबा दिया गया। बकायदा कुछ समझौता एक्सपर्ट लोगों ने उस समय भी अहम भूमिका निभाई और तथा बिल्डिंग की सील खुलवा दी। तब से लेकर अब तक नोटोरियस क्लब का काम चल रहा है और निगम ने कोई जांच नहीं की।

आबकारी विभाग भी रहा स्लीपिंग मोड में
3 अगस्त की घटना के बाद अब सरकार के सभी विभाग एक्टिव हो गए हैं। आबकारी विभाग ने भी एक महीने के लिए क्लब का लाइसैंस सस्पैंड कर दिया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि विभाग के अधिकारी इतने महीनों तक खामोश क्यों रहे। क्लब में पिछले कई महीनों से देर रात शुरू होने वाला जश्न सुबह 3-4 बजे तक चलता था और आम लोगों को भी इस मामले की जानकारी थी, लेकिन आबकारी विभाग ने आखिर एक्शन क्यों नहीं लिया या जिस आबकारी इंस्पैक्टर की इस इलाके में डयूटी है, उसने भी कभी जांच नहीं की, वह भी संदेह के घेरे में है। विभाग ने नोटोरियस क्लब पर तो एक महीने का एक्शन ले लिया है, लेकिन जिन आफिसरों ने लापरवाही दिखाई है, उन पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया। इन फील्ड आफिसरों की तरफ से अगर समय पर नोटोरियस क्लब पर कार्रवाई की गई होती तो शायद यह हाई प्रोफाइल कातिलाना हमला रोका जा सकता था। 

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!