सिविल अस्पताल की OPD में एंट्री करने वाले एजेंटों के लिए अहम खबर

Edited By Urmila,Updated: 23 Aug, 2022 05:08 PM

important news for agents entering the opd of civil hospital

जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में अब एजेंट ओ.पी.डी. प्रवेश करने के बाद वे निजी कंपनियों की दवाएं नहीं लिख सकेंगे।

अमृतसर (दलजीत): जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में अब एजेंट ओ.पी.डी. प्रवेश करने के बाद वे निजी कंपनियों की दवाएं नहीं लिख सकेंगे। अस्पताल के इंचार्ज द्वारा  मामले का सख्त नोटिस लेते हुए एक एजेंट को गिरफ्तार कर अब चेतावनी दी है कि यदि ओ.पी.डी. में  कोई एजेंट डॉक्टर के कमरे में दवा लिखते हुए पाया जाता है  तो उसके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। प्रभारी द्वारा डॉक्टरों को स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी डिस्पेंसरी में जो  दवाएं उपलब्ध हैं वह मरीजों को मुहैया कराई जाएं।

जानकारी के मुताबिक सिविल अस्पताल में रोजाना 600 से ज्यादा मरीज ओ.पी.डी. में  इलाज के लिए आते हैं। इस बीच निजी कंपनियों के एजेंट अपनी दवाइयां लिखवाने के लिए डॉक्टरों के कमरे में चक्कर लगाते रहते हैं। आज हद तब हो गई जब अस्पताल के प्रभारी डॉ. राजू चौहान ने एक एजेंट को डॉक्टर के कमरे में पकड़ लिया और कमरे से बाहर ले गए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वह दोबारा डॉक्टर के कमरे में दिखे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में प्रभारी ने अस्पताल के सभी कर्मचारियों और डॉक्टरों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि उनके संज्ञान में आया है कि विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से एजेंट डॉक्टरों के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं। अपनी दवा लिखवाते रहते हैं और मरीजों का शोषण होता है। यह शोषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अस्पताल के कुछ कर्मचारियों से निजी कंपनियों के एजेंटों की मिलीभगत : राजू चौहान

अस्पताल के प्रभारी डॉ. राजू चौहान ने बातचीत में कहा कि निजी कंपनियों के एजेंट अस्पताल के कुछ कर्मचारियों के साथ अपना काम करवा रहे हैं जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला स्तरीय सिविल अस्पताल अपनी बढ़िया स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूरे पंजाब में लोकप्रिय है और रोगियों को लगातार सरकारी सेवाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। ऐसे में डॉक्टरों के कमरों में  एजेंटों के बैठे होने पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने एजेंटों को चेतावनी दी है कि अगर वे डॉक्टर के कमरे में बैठे दिखे तो उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी। साथ ही संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने डॉक्टरों को सख्ती से निर्देशों की पालना करने के लिए कहा है। 

गौरतलब है कि जिले के अन्य अस्पतालों में एजेंट अक्सर डॉक्टर के कमरे में बैठते हैं और अपनी दवा लिखते रहते हैं। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की सरकार सरकारी अस्पतालों में लोगों को अच्छी सेवाएं देने का दावा कर रही है, जबकि हकीकत में कुछ डॉक्टरों के मनमानी कारण यह सेवाएं मरीजों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।

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