Edited By Vatika,Updated: 18 May, 2021 06:49 PM

बेशक सरकार की तरफ से राज्य के हर वर्ग के गरीब लोगों को हर तरह की सुविधा देने के दावे और वायदे किए जा रहे हैं,
लहरागागा (गर्ग): बेशक सरकार की तरफ से राज्य के हर वर्ग के गरीब लोगों को हर तरह की सुविधा देने के दावे और वायदे किए जा रहे हैं, लेकिन पंजाब के लहरागागा में एक अग्रवाल परिवार की 13 वर्षीय लड़की की तरफ से ख़ुद लिफाफे बना कर शहर के बाजारों में बेचकर अपने परिवार का गुज़ारा करना सरकार के दावों और वायदों पर प्रश्न चिह्न लगा रहा है।
दरअसल, आज राधा नामक लड़की अपने साइकिल पर सामान भरकर और कंधे पर भारी थैला लेकर बाजारों में रेहड़ियों और दुकानों पर लिफाफे बेच रही थी। जब उसके साथ बातचीत की गई तो उसने भावुक होते हुए कहा कि परिवार में कमाई का कोई साधन नहीं, मेरे पिता बीमार रहते हैं, हज़ार रुपए महीने की दवा के अलावा घर में दादी, बड़ी बहन और छोटे भाई का ख़र्च उठाने के लिए वह दिन में अखबारों की रद्दी के लिफ़ाफ़े बनाकर बेचती है और रात को कुछ समय के लिए पढ़ती है। उसका कहना है कि वह पढ़ना तो चाहती है लेकिन घर की मजबूरी मुझे पढ़ने नहीं देती।
सरकार,किसी भी व्यक्ति विशेष या संस्था की तरफ से परिवार की कोई मदद नहीं की गई, जिसके चलते वह अपने पिता की दवा और घर चलाने के लिए लिफ़ाफ़े बेचने के लिए मजबूर हो रही है। उसका कहना है कि यदि सरकार मेरे पिता की दवा का प्रबंध करती है और हमें आर्थिक मदद देती है तो वह लिफ़ाफ़े बेचने की बजाए अपनी पढ़ाई की तरफ ध्यान देगी। अब देखना यह होगा कि सरकार, प्रशासन या कोई समाज सेवीं संस्था इस परिवार की मदद के लिए आगे आते है या नहीं या फिर इस परिवार को इसी तरह गरीबी के साथ झूझना पड़ेगा।