अमृतसर में हरदीप पुरी की हार से श्वेत मलिक पर गिर सकती है गाज

Edited By Vaneet,Updated: 03 Jun, 2019 07:29 PM

hardeep puri defeat can fall on shwet malik

पंजाब में 19 मई को हुए लोकसभा चुनाव में अमृतसर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी की हार का ठीकरा भाजपा के पंजाब अध्यक्ष...

अमृतसर: पंजाब में 19 मई को हुए लोकसभा चुनाव में अमृतसर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी की हार का ठीकरा भाजपा के पंजाब अध्यक्ष सांसद श्वेत मलिक पर फोड़े जाने की प्रबल संभावना है जिसके चलते प्रदेश अध्यक्ष को बदला भी जा सकता है। 

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चार गुटों में बटी भाजपा
प्रदेश अध्यक्ष मलिक के साथ स्थानीय नेतृत्व की नाराजगी के चलते अमृतसर भाजपा में तगड़ी गुटबंदी चल रही है। जिला भाजपा इस समय चार गुटों में बंटी हुई है जिसमें राजिंदर मोहन छीना, तरूण चुग, श्वेत मलिक और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी के गुट शामिल हैं। श्वेत मलिक जहां पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली के खास माने जाते रहे हैं वहीं पिछले लोकसभा चुनावों में तरूण चुघ को जेटली की हार के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजिन्दर मोहन छीना इस बार लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट के लिए प्रबल दावेदार थे लेकिन आखिरी वक्त पर पार्टी द्वारा केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी को टिकट दे दिए जाने से छीना भी नाखुश चल रहे थे। छीना सिख चेहरा होने के साथ-साथ अमृतसर में अच्छी पकड़ बनाए हुए हैं और उनके विधानसभा क्षेत्रों में पुरी को अच्छी लीड मिली थी। 

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श्वेत मलिक पर गिर सकती है गाज
हरदीप पुरी कांग्रेस के उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला से 99688 मतों से पराजित हुए थे। उन्हे कुल 343311 मत जबकि श्री औजला को 442999 मत प्राप्त हुए थे। अपनी हार के कारण का पता चलने पर पुरी स्थानीय नेताओं खास कर श्वेत मलिक से खासे नाराज हैं। पुरी का कहना है कि वह अगला चुनाव भी अमृतसर से ही लड़ेंगे इसलिए उन्होंने अमृतसर में उन्होंने अपना कार्यालय भी स्थापित कर लिया है। पार्टी के पूर्व विधायकों और स्थानीय नेताओं की मलिक से नाराजगी के चलते पार्टी की ओर से मलिक को प्रदेश अध्यक्ष से हटाए जाने की अटकलों का बाजार गर्म है और संभावना जताई जा रही है कि जालंधर से भाजपा के पूर्व मंत्री, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मनोरंजन कालिया को एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। कालिया पंजाब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के पश्चात वह पिछले एक दशक से हाशिए पर चल रहे हैं। लेकिन पार्टी में कालिया की सक्रियता को देखते हुए उन्हे पंजाब प्रधान बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
 

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