Edited By swetha,Updated: 04 Apr, 2020 09:00 AM
कोरोना वायरस को लेकर एक तरफ यहां निजामुद्दीन जमात को लेकर सियासत चल रही है। वहीं संगरूर के मालेरकटोला के एक गुरुद्वारे ने मानवता की सबसे बड़ी मिसाल पेश की है। मुस्लिम बहुलता वाले मालेरकोटला में मदरसे के 40 बच्चे लॉकडाउन में फंस गए।
संगरूरः कोरोना वायरस को लेकर एक तरफ यहां निजामुद्दीन जमात को लेकर सियासत चल रही है। वहीं संगरूर के मालेरकटोला के एक गुरुद्वारे ने मानवता की सबसे बड़ी मिसाल पेश की है। मुस्लिम बहुलता वाले मालेरकोटला में मदरसे के 40 बच्चे लॉकडाउन में फंस गए। उनके सामने खाने का संकट आ गया तो गुरुद्वारा हादा नारा साहिब ने इनकी जिम्मेदारी ले ली है। ज्यादातर बच्चे यूपी-बिहार से हैं। गुरुद्वारा के प्रमुख ग्रंथी नरेंद्र पाल सिंह कहते हैं- किसी बच्चे को भूखा नहीं रहने देंगे।
करीब डेढ़ लाख आबादी वाला मलेरकोटला पंजाब का इकलौता मुस्लिम बहुल कस्बा है। पंजाब के गुरुद्वारों, मंदिरों के बीच जामा मस्जिद और शीश महल की अलग जगह है। यहां के नवाब शेर मोहम्मद ने गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों को दीवार में जिंदा चुनवाने को गैर-इस्लामी कहा था। तभी से दोनों संप्रदायों में अनोखा रिश्ता है।