नकली टकसालियों ने शुरू किया सफर-ए-कांग्रेस मिशन: शिअद

Edited By Vatika,Updated: 20 Jan, 2020 11:18 AM

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शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि नकली टकसालियों ने कांग्रेस पार्टी तथा इसके गर्मख्याली समर्थकों से हाथ मिलाकर साबित कर दिया है कि उन्होंने पंथ के दाएं हाथ अकाली दल तथा धार्मिक सिख संस्थानों को कमजोर करने के अपने हताश प्रयास के तहत सफर-ए-कांग्रेस मिशन शुरू...

चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि नकली टकसालियों ने कांग्रेस पार्टी तथा इसके गर्मख्याली समर्थकों से हाथ मिलाकर साबित कर दिया है कि उन्होंने पंथ के दाएं हाथ अकाली दल तथा धार्मिक सिख संस्थानों को कमजोर करने के अपने हताश प्रयास के तहत सफर-ए-कांग्रेस मिशन शुरू कर दिया है, लेकिन पंथ व पंथक सिद्धांतों के साथ गद्दारी करने वाला ऐसा मिशन कभी सफल नहीं होगा।

सांसद बलविंद्र सिंह भूंदड़, नरेश गुजराल, वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जत्थेदार तोता सिंह व महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि अकाली सिद्धांतों के साथ विश्वासघात करके कांग्रेस के इशारों पर कठपुतली की तरह नाचने वाले मौकाप्रस्तों का गु्रप पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की लीडरशिप को कोई चुनौती नहीं दे सकेगा, जिन्हें अकाली दल के 47 लाख मजबूत सदस्यों द्वारा लोकतांत्रिक ढंग से चुना गया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद घटिया हरकत है कि तथाकथित टकसालियों ने कांग्रेस के मोहरों के साथ स्टेज सांझा करके अकाली विचारधारा को अपमानित किया है। बिल्ली थैले से बाहर आ गई है। अब यह स्पष्ट है कि ये सभी नकली टकसाली कांग्रेस पार्टी के अनौपचारिक सदस्य बन चुके हैं। वे अपने शो में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी या उनकी मां सोनिया गांधी को बुलाकर इस रिश्ते को और ज्यादा पक्का कर सकते थे।

1997 में जब ढींडसा चुनाव हार गए थे तो महासचिव पद से इस्तीफा देने की पेशकश तक नहीं की थी 
प्रो. चंदूमाजरा तथा जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि सुखदेव सिंह ढींडसा का अपना रिकॉर्ड है कि 1997 में अकाली दल की लहर दौरान भी जब वह विधानसभा चुनाव हार गए थे तो महासचिव के पद से इस्तीफा देने की पेशकश तक नहीं की थी। उन्होंने कहा कि अकाली दल ने पिछले 20 सालों के दौरान 15 साल सरकार बनाकर बहुत शानदार प्रदर्शन किया है। इन सभी जीतों में सुखबीर सिंह बादल ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई व उन्हें पार्टी कार्यकत्र्ताओं व समूची वरिष्ठ लीडरशिप द्वारा 2012 में पार्टी को दोबारा सत्ता में लाने का श्रेय दिया जा चुका है। पार्टी में लोकतंत्र होने के कारण इन नकली टकसालियों को अकाली दल अध्यक्ष फिट नहीं बैठ रहा है, क्योंकि लगातार हारने वाले नेताओं को ऊंचे पद देने व दोबारा उन निर्वाचन क्षेत्रों से टिकट देने पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

पंजाबी टकसालियों को करारा सबक सिखाएंगे 
बलविंद्र सिंह भूंदड़, नरेश गुजराल व महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि पंजाब में जब भी कांग्रेस पर कोई समस्या आती है तथा इसे शर्मनाक हार सामने खड़ी नजर आती है, जैसे कि अब आ रही है तो ये अकाली दल को कमजोर करने के लिए टकसालियों जैसे नाराज नेताओं का फ्रंट बनाने की कोशिश करती है। पंथ तथा पंथक सिद्धांतों के साथ विश्वासघात करने वाला ऐसा घृणित मिशन कभी कामयाब नहीं होगा। कांग्रेस तथा इसके गर्मख्याली समर्थकों की नाव में सवार होने के लिए पंजाब के लोग टकसालियों को करारा सबक सिखाएंगे।

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