Edited By swetha,Updated: 06 Dec, 2019 08:33 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पंजाब को जी.एस.टी. का 4100 करोड़ नहीं बल्कि 6000 करोड़ रुपया बकाया अदा करना है।
चंडीगढ़/जालंधर(अश्वनी, धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पंजाब को जी.एस.टी. का 4100 करोड़ नहीं बल्कि 6000 करोड़ रुपया बकाया अदा करना है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक की है। उन्होंने भरोसा दिया है कि जी.एस.टी. के बकाए की राशि जल्द रिलीज कर दी जाएगी परन्तु यह बात खेदपूर्ण है कि केंद्र ने न केवल पंजाब बल्कि अन्य राज्यों को भी जी.एस.टी. का बकाया अदा करना है।
उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. का बकाया न मिलने के कारण पंजाब को उधार लेकर अपना गुजारा करना पड़ रहा है परंतु राज्य सरकार के आर्थिक संसाधन कुछ और भी हैं जैसे स्टाम्प ड्यूटी, रेत खनन, ट्रांसपोर्ट विभाग आदि से राजस्व की प्राप्ति होती है।
पंजाब पर बढ़ा ऋणों का बोझ
उन्होंने कहा कि राज्य लम्बे समय तक उधार लेकर काम नहीं कर सकता है क्योंकि इससे पंजाब पर ऋणों का बोझ बढ़ता चला जाएगा। कैप्टन ने कहा कि केंद्र को अपने वायदे के अनुसार जी.एस.टी. की राशि समय पर राज्यों को देनी चाहिए। पराली को जलाने से पैदा हो रहे प्रदूषण पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समस्या काफी समय से चली आ रही है।
पराली जलाने से नहीं है दिल्ली में प्रदूषण
कैप्टन ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पंजाब में पराली जलाने से जुड़ी हुई नहीं है बल्कि दिल्ली में औद्योगिक इकाइयों व वाहनों द्वारा फैलाए जाने वाले प्रदूषण से समस्या गंभीर हुई है। पंजाब सरकार ने शुरू से ही प्रधानमंत्री से मांग की थी कि छोटे किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाना चाहिए जिससे प्रदूषण की समस्या का समाधान हो सके।