Edited By Vatika,Updated: 28 Oct, 2020 09:26 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व उनके बेटे रणइंद्र सिंह के खिलाफ चल रहे इंकम टैक्स केस के मामले में तलब किए जाने पर रणइंद्र सिंह इंफोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) के समक्ष पेश नहीं हो पाए।
जालंधर(मृदुल): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व उनके बेटे रणइंद्र सिंह के खिलाफ चल रहे इंकम टैक्स केस के मामले में तलब किए जाने पर रणइंद्र सिंह इंफोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) के समक्ष पेश नहीं हो पाए। हालांकि उनके वकील द्वारा ई.डी. के अधिकारियों समक्ष दलील दी गई है कि उन्हें साल 2021 में होने वाली ओलिम्पिक गेम्स की मीटिंग में जाना है। वहीं रणइंद्र के पेश न होने के चलते ई.डी. के अधिकारी खफा हैं, क्योंकि पहले ही इस केस की प्रोसीडिंग को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ी है। ई.डी. के उच्चाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ई.डी. फेमा एक्ट के तहत इन कागजात की जांच करना चाहती है और इसीलिए उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि इस केस संबंधी इंकम टैक्स को उनके साथ रिकॉर्ड सांझा करने के लिए माननीय अदालत आदेश जारी करे।
धरा रह गया ‘आप’ का काली झंडियां दिखाने का प्लान
वहीं दूसरी ओर ई.डी. दफ्तर के बाहर सुबह 11 बजे से ही आम आदमी पार्टी के नेता व वर्कर धरना देने के लिए आ गए। ‘आप’ नेताओं द्वारा रणइंद्र सिंह को दिखाने के लिए काली झंडियों समेत रोष प्रदर्शन की तैयारी की गई थी, मगर उनके न आने के चलते ‘आप’ का प्लान धरा ही रह गया। गौरतलब है कि इस संदर्भ में बीते दिनों ई.डी. ने लुधियाना कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इंकम टैक्स विभाग द्वारा उक्त केस में जुटाए नए डॉक्यूमैंट्स हासिल किए थे। ई.डी. के अधिकारी इंकम टैक्स के साथ-साथ फेमा एक्ट के तहत भी इस केस की जांच कर रहे थे।
इंकम टैक्स विभाग ने विदेश में कई ट्रस्ट होने का किया है दावा
इंकम टैक्स डिपार्टमैंट द्वारा दावा किया गया था कि रणइंद्र सिंह ने जांच को भटकाने के लिए अधिकारियों को कहा था कि उसके पास विदेश में सभी ट्रस्ट व फैमिली इंकम संबंधी सारे कागजात हैं जिस पर इंकम टैक्स विभाग द्वारा कोर्ट में दावा किया गया कि रणइंद्र सिंह ही जाकारंडा ट्रस्ट का फिक्सर है। आई.टी. विभाग का दावा है कि उनके कई और ट्रस्ट भी चल रहे हैं, जोकि विदेश में हैं जिनमें मुलवाला होल्डिंग्स और ऑलवर्थ वैंचर होल्डिंग लिमिटेड नामक ट्रस्ट भी हैं जिनमें कई बड़ी और हाइड ट्रांजैक्शन की गई हैं और वह भी कई नामी बैंकों द्वारा जिनका रिकॉर्ड इंकम टैक्स विभाग के पास है। विभाग के अनुसार ट्रस्ट को साल 2005 में बनाया गया था और ज्यादातर सारी डील वर्जिन आइलैंड की मार्फत ही हुई थी जिससे विभाग को पता चला कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह और उनका बेटा रणइंद्र सिंह दुबई स्थित मरीन मैंशन के मालिक हैं और उनकी कई प्रॉपर्टीज यू.के. में भी हैं। हालांकि इंकम टैक्स व ई.डी. के इस केस संबंधी कैप्टन अमरेंद्र सिंह और रणइंद्र सिंह ने इन सभी आरोपों को गलत ठहराया है।