Edited By swetha,Updated: 01 Jan, 2020 11:17 AM
सतलुज दरिया के किनारे पर बसे गांव खेड़ा बाग के रमेश चंद की भैंस द्वारा बारूद से बने देसी हथगोले को चबाने से भैंस का निचला जबड़ा उड़ गया जिस कारण भैंस की मौत हो गई।
नंगल: सतलुज दरिया के किनारे पर बसे गांव खेड़ा बाग के रमेश चंद की भैंस द्वारा बारूद से बने देसी हथगोले को चबाने से भैंस का निचला जबड़ा उड़ गया जिस कारण भैंस की मौत हो गई।
गांव स्वामीपुर के सरपंच शोबित कुमार का कहना है कि खेड़ा बाग के रमेश चंद की भैंस घर से छूट कर जंगली इलाके की तरफ चली गई। भैंस ने घास के चक्कर में बारूदी हथगोले को ही चबा लिया जिस कारण उसका जबड़ा ही उड़ गया। जबड़ा उडऩे से भैंस मर गई। सरपंच शोबित कुमार ने कहा कि गांव सतलुज दरिया के किनारे पर बसा हुआ है और यह पूरा इलाका वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी घोषित है।
हैरानी की बात है कि वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी इलाके में शिकारी शिकार खेलते हैं। शिकारी जंगली जीवों को मारने के लिए बड़े घातक हथियार व सामान का उपयोग कर रहे हैं। बारूदी हथगोले पर प्रतिबंध होने के बावजूद शिकारी इनका उपयोग कर रहे हैं। उधर, इलाके के प्रबुद्ध लोगों ने प्रशासन से रमेश चंद को उचित मुआवजा देने की मांग की है।