Breaking : श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे सुखबीर बादल ने कबूले अपने सारे गुनाह, पढ़ें...

Edited By Kamini,Updated: 02 Dec, 2024 03:07 PM

breaking sukhbir badal confessed all his crimes

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर आज फैसला सुनाया जा रहा, जिन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से तनखैया घोषित किया गया है।

पंजाब डेस्क : शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर आज फैसला सुनाया जाएगा, जिन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से तनखैया घोषित किया गया है। इस बीच सुखबीर सिंह बादल व्हीलचेयर पर श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे हैं। इस मौके पर उनके साथ कई नेता भी मौजूद हैं। अब देखना यह है कि श्री अकाल तख्त साहिब सुखबीर बादल को राजनीतिक सजा या धार्मिक सजा में से कौन सी सजा देते हैं।

इस दौरान तनखैया घोषित किए गए सुखबीर बादल के मामले को लेकर श्री अकाल तख्त पर पंज सिंह साहिबों की बैठक हुई, जिसमें श्री अकाल तख्त से सुखबीर बादल और शिरोमणि अकाली दल के अन्य नेताओं के खिलाफ फैसला सुनाया जा रहा है। इस बीच सुखबीर बादल ने अपने ऊपर लगे लगभग सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया। सिंह साहिबों ने उनसे 'हां' या 'नहीं' में उत्तर देने को कहा। इस मौके पर सुखबीर बादल ने सभी सवालों का जवाब 'हां' में दिया। बता दें कि, सुखबीर बादल पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के प्रति नरम रुख अपनाना, गुरमीत राम रहीम के वेशभूषा विवाद में सजा की बजाय शिकायत वापस लेना, 2012 में सुमेध सैनी को पंजाब पुलिस डीजीपी नियुक्त करना व बरगाड़ी कांड में सिख युवाओं की हत्या और पीड़ित को न्याय दिलाने में कमी के आरोप लगे थे। 

इस दौरान सुखबीर बादल ने अपनी  गलती कबूल कर ली है। वहीं प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि मुझे पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। इस पर श्री अकाल तख्त द्वारा उन्हें लताड़ा गया। जत्थेदार ने कहा कि उनके पास अखबार की कटिंग है, जिनमें आपके बारे में सब छपा है। फिर कैसे इम गुनाहों से पीछे हट सकते हैं। मीटिंग में साल 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल (SAD) की सरकार के पूर्व मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है।

वहीं इस दौरान अकाली नेता मजीठिया ने कहा कि 2007 से 2009 और 2009 से 2012 तक में कैबिनेट का हिस्सा नहीं था। मजीठिया ने कह ाकि वह 2012 से 2017 तक कैबिनेट का हिस्सा थे। जितने मुद्दे का जिक्र किया गया वह उनमें शामिल नहीं थे, लेकिन कैबिनेट का हिस्सा था, जिसके लिए वह माफी मांगते हैं। वहीं अकाली दल नेता परमिंदर सिंह ढींढसा ने अपनी गलती मानी है। ढींढसा ने बेअदबी की जांच करने वाले अधिकारियों का साथ देने का गुनाह कबूल किया है।वहीं अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने अपना गुनाह नहीं कबूला। इस दौरान जत्थेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि आपके घर तक में सिरसा वाले बाबा की मीटिंग होती रही है। इस पर भूंदड़ ने कहा ये गलत आरोप हैं। 

श्री अकाल तख्त पर पंज सिंह साहिबों की सभा में सुखबीर सिंह बादल और अन्य अकाली नेताओं के मामले पर चर्चा हुई और आगे की कार्रवाई की गई है। इस संबंध में, 2007 से 2017 तक अकाली सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री रहे 17 अकाली नेताओं, जिनमें सुखबीर सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल की तत्काल कोर कमेटी और अंतरिम कमेटी के सदस्य आदि शामिल थे, को अकाल तख्त पर बुलाया गया था।

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