आहलूवालिया खिलाफ 1 केस में दूसरी बार निकाला गैर जमानती अरैस्ट वारंट निकाला

Edited By Tania pathak,Updated: 04 Jan, 2021 04:53 PM

arrest warrant for the second time in 1 case against ahluwalia

चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया और ई.ओ के जमानती/गैर जमानती अरैस्ट वारंटों के नववर्ष में भी जारी होने का सिलसिला शुरू हो गया है।

जालंधर (चोपड़ा) : इंप्रूवमैंट ट्रस्ट एक तरफ सुर्या एंकलेव एक्सटैंशन की फ्लाप स्कीम में सड़कों को बनाकर और स्ट्रीट लाईटें लगाकर अलाटीयों को लुभाने के प्रास कर रहा है वहीं दूसरी तरफ अलाटीयों के ट्रस्ट द्वारा की गई धोखाधड़ीयों को लेकर अलाटीयों द्वारा अपनाए जा रहे कड़े रूख के चलते एक बार फिर से चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया व ई.ओ की मुश्किलें बढऩे लगी है। 

सुर्या एंकलेव एक्सटैंशन के अलाटीयों द्वारा ट्रस्ट के खिलाफ किए विभिन्न केसों को लेकर चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया और ई.ओ के जमानती/गैर जमानती अरैस्ट वारंटों के नववर्ष में भी जारी होने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में स्टेट कमिशन ने पुलिस कमिश्रर के मार्फत 1 केस में ट्रस्ट चेयरमैन दलजीत आहलूवालिया के दूसरी बार गैर जमानती वांरट, 1 केस में चेयरमैन/ई.ओ के जमानती वारंट, 1 केस में ट्रस्ट के पूर्व ई.ओ जतिन्द्र सिंह के बाई नेम गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 4 फरवरी को निजी तौर पर पेश करने के आदेश जारी किए हैं। इन केसों में इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने अलाटीयों को करीब 2.30 करोड़ रूपयों की अदायगी करनी है। 

केस-1, चेयरमैन आहलूवालिया के दूसरी बार गैर जमानती वांरट जारी, अलाटी को नही किया 1 करोड़ रूपया अदा
सुखदेव सिह सहगल निवासी जालंधर को ट्रस्ट ने 356 गज का प्लाट अलाट हुआ था जिसके बदले अलटी ने ट्रस्ट को 5932940 प्रिंसिपल अमाऊंट जमां करवाए। परंतु ट्रस्ट ने अलाटी को प्लाट का कब्दा नही दिया। जिस पर अलाटी ने 7 जनवरी 2015 को ट्रस्ट के खिलाफ स्टेट कमिशन में केस दायर कर दिया। कमिशन ने केस का फैंसला 7 मार्च 2017 को अलाटी के पक्ष में सुनाते हुए आदेश जारी किए कि ट्रस्ट अलाटी को उसके जमां करवाए प्रिंिसपल अमाऊंट के अलावा केस फाईल करने की तारीख से बनता 9 प्रतिशत ब्याज के अलावा 5 लाख रूपए मुआवजा व 20000 रूपए कानूनी खर्च दिया जाए। अलाटी ने ट्रस्ट की तरफ से आदेशों के मुताबिक 1 करोड़ रूपयों की बनती अदायगी न होने पर 28 जुलाई 2020 को एग्जीक्यूशन फाईल की। जिस पर कमिशन ने 24 नवंबर 2020 को चेयरमैन दलजीत आहलूवालिया के खिलाफ पुलिस कमिश्रर के मार्फत पहला गैर जमानती वारंट जारी किया था। पंरतु चेयरमैन की गिरफ्तारी न होने के कारण कमिशन ने 24 दिसंबर 2020 को अब दूसरी बार गैर जमानती वारंट जारी करते हुए चेयरमैन आहलूवालिया को 4 फरवरी 2021 को निजी तौर पर पेश करने के आदेश दिए है। 

केस-2, कमिशन के आदेशों के बावजूद नही किया 80 लाख का भुगतान, जतिन्द्र सिंह के बाई नेम गैर जमानती वारंट जारी
पुलिस कमिश्रर को गिरफ्तार करके 4 फरवरी तक निजी तौर पर पेश करने के दिए आदेश 
सुर्या एंकलेव एक्सटैंशन के एक अन्य मामले में इमप्रूवमैंट ट्रस्ट ने लुधिायना निवासी मिंटू सूद को 200 गज का प्लाट अलाट किया था जिसको लेकर अलाटी ने ट्रस्ट को 3943580 रूपयों का भुगतान भी कर दिया परंतु इसके बावजूद ट्रस्ट ने अलाटी को प्लाट का कब्जा नही दिया। जिस पर परेशान होकर अलाटी ने 20 अप्रैल 2015 को स्टेट कमिशन में केस फाईल किया। जिसका फैंसला 7 मार्च 2017 को अलाटी के पक्ष में देते हुए कमिशन ने ट्रस्ट को अलाटी के जमां करवाए प्रिसिंपल अमाऊट और उस पर बनता 9 प्रतिशत जोकि किस्तों के जमां करवाने के हिसाब से होगा, के अलावा 3 लाख रूपया मुआवजा, 20000 रूपया कानूनी खर्च देने के आदेश जारी किए जोकि करीब 80 लाख रूपए बनता है। कमिशन ने कहा कि 20000 कानूनी खर्च में से 10 हजार रूपए अलाटी को दिया जाए और 10 हजार रूपए लीगल एड फंड़ में जमां करवाया जाए। परंतु फैंसले के मुताबिक अलाटी को कोई भुगतान न होने पर अलाटी ने 18 अगस्त  2020 को स्टेट कमिशन में एक्सीक्यूशन फाईल की। जिस पर कमिशन ने 24 नवंबर 2020 को ई.ओ जतिन्द्र सिंह के बाई नेम के पहला गैर जमानती वारंट जारी किए। परंतु ई.ओ को गिरफ्तान न किए जाने पर कमिशन ने 24 दिसंबर 2020 को दूसरी बार जतिन्द्र सिंह के बाई नेम गैर जमानती वारंट जारी किए। कमिशन ने कमिश्रर ऑफ पुलिस को कहा है कि 4 फरवरी 2021 तक ई.ओ को गिरफ्तार करके निजी तौर पर  पेश करों तांकि इस पर जो भी चार्ज लगाने है वह लगाए जा सकें। उल्लेखनीय है कि ई.ओ जतिन्द्र सिंह का पिछले दिनों जालंधर से इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट अमृतसर में तबादला हो चुका है। 
 
केस-3, अलाटी को नही की 50 लाख की अदायगी, चेयरमैन/ई.ओ के जमानती वांरट जारी
इस केस में इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने जालंधर निवासी राजिन्द्र पाल सिंह को सुर्या एंकलेव एक्सटैंशन में  117सी, 153 गज का प्लाट अलाट किया था। पंरतु ट्रस्ट अलाटी से प्लाट के बदले भुगतान लेने के बावजूद कब्जा देने में असमर्थ रहा। ट्रस्ट के वर्षों तक अनेकों चक्कर लगाने के बावजूद जब अलाटी को कब्जा नही मिला तो उसने 16 जनवरी 2019 को स्टेट कमिशन में ट्रस्ट के खिलाफ केस फाईल किया। कमिशन ने केस का फैंसला 30 मार्च 2020 को अलाटी के पक्ष में सुनाते हुए ट्रस्ट को अलाटी द्वारा जमां करवाए 2660523 रूपए और उस पर बनता 12 प्रतिशत ब्याज जोकि किस्तों को जमां करवाने की तिथि के अनुसार होगा, 40 हजार रूपए मुआवजा देने के आदेश जारी किए जोकि करीब 50 लाख रूपए बनते है। कमिशन के फैंसले के बावजूद ट्रस्ट ने अलाटी को भुगतान नही किया जिस पर अलाटी ने 22 सितंबर 2020 को एग्जीक्यूशन फाईल की। जिस पर कमिशन ने चेयरमैन/ई.ओ के जमानती वांरट जारी करते हुए उन्हें 12 जनवरी 2021 को पेश होकर 50000 रूपए का शियोरटी बांड भरने के आदेश दिए हैं।  
 

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