Edited By Kalash,Updated: 12 Mar, 2022 11:21 AM
पंजाब विधानसभा पर पूरी तरह कब्जा करने के बाद आम आदमी पार्टी ने अब पंजाब के नगर निगम चुनाव जल्द करवाने की योजना बना ली है
जालंधर (खुराना): पंजाब विधानसभा पर पूरी तरह कब्जा करने के बाद आम आदमी पार्टी ने अब पंजाब के नगर निगम चुनाव जल्द करवाने की योजना बना ली है। इस हिसाब के साथ जालंधर और दूसरे शहरों के निगम चुनाव 3-4 महीनों के अंदर करवाए जा सकते हैं। यह जानकारी पंजाब ‘आप’ मामलों के इंचार्ज राघव चड्ढा के पास के सूत्रों ने दी है, उन्होंने बताया कि पार्टी यह महसूस करती है कि इन दिनों ‘आप’ के पक्ष में लहर बनी हुई है, उसका भरपूर फायदा उठाया जाए। पता लगा है कि अगले हफ्ते सरकार के गठन, शपथ और मंत्री मंडल की प्रक्रिया से निपटने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता निगम के चुनाव को लेकर मंथन शुरू कर सकते हैं। इस मामले में होमवर्क किया जा चुका है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव की तरह निगम चुनाव की कमान भी सीधी राघव चड्ढा के हाथ में ही होगी और ऐसी स्थिति में अलग -अलग जिलों के को-आर्डिनेटर नियुक्त किए जा सकते हैं। ‘आप’ के जीते हुए विधायकों और हलका इंचार्ज की भूमिका भी निगम चुनाव में पूरी तरह प्रभावी रहेगी और टिकटों की बांट तक उनकी सलाह के साथ हो सकती है।
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‘आप’ में जाने को तैयार बैठे हैं कांग्रेस के कई काउंसलर
‘आप’ सूत्रों की मानें तो जालंधर निगम के कई कांग्रेस काउंसलर आम आदमी पार्टी का पल्ला पकड़ने को तैयार बैठे हैं। ऐसे लगभग 7-8 कांग्रेसी काउंसलरों की एक मीटिंग दिल्ली के फाइव स्टार होटल में ‘आप’ लीडरशिप के साथ करवाई भी जा चुकी है। ‘आप’ नेताओं के इशारे पर ही इन कांग्रेसी काउंसलरों ने अपनी ही पार्टी के विधायकों का विधानसभा चुनाव में विरोध किया और सरेआम दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों की मदद तक की। कांग्रेसी काउंसलरों की बगावत के कारण ही राजिंदर बेरी और सुशील रिंकू जैसे ताकतवर माने जा रहे विधायकों को हार का सामना करना पड़ा और परगट सिंह और बावा हेनरी भी बहुत मुश्किल के साथ अपनी सीटों बचा सके।
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निगम चुनाव में उतरेंगे नए-नए चेहरे
आम आदमी पार्टी के दिल्ली स्थित सूत्रों की मानें तो जालंधर निगम से कांग्रेस के लगभग डेढ़ -दो दर्जन काउंसलर ‘आप’ में जाने को तैयार हैं पर जिस तरह की जीत पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिली है, उससे यह माना जा रहा है कि पार्टी 6 या 8 कांग्रेसी काउंसलरों को ही ‘आप’ की टिकट देगी। यदि उससे अधिक कांग्रेसियों को ‘आप’ में एडजस्ट किया जाता है तो पार्टी कैडर में बदनामी छा सकती है। वैसे आम आदमी पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनाव में जो 117 उम्मीदवार खड़े किए थे, उनमें से 56 ऐसे थे, जो कोई दूसरी पार्टियों से आए थे और उन्हें टिकट मिली। पता चला है कि जालंधर के कई कांग्रेसी भी इस समय ‘आप’ नेताओं के संपर्क में हैं और जल्द वह पाला बदल सकते हैं।
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