कांग्रेस सरकार निजी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की 6 माह की फीस करे अदा: अकाली दल

Edited By Vatika,Updated: 02 Jul, 2020 04:35 PM

6 months fees for students studying in private schools akali dal

शिरोमणी अकाली दल ने अदालत द्वारा प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को ट्यूशन और एडमिशन फीस देने के आदेश के लिए मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को

अमृतसर(ममता): शिरोमणी अकाली दल ने अदालत द्वारा प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को ट्यूशन और एडमिशन फीस देने के आदेश के लिए मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए मांग की है कि अब पंजाब सरकार इस साल अप्रैल से सितंबर तक छह महीने की फीस बच्चों की ओर से निजी स्कूलों को दे।

बिक्रम सिंह मजीठिया ने पत्रकारों से कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार और शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में यहां तक पेश किया कि प्राइवेट स्कूलों को फीस तय करने का अधिकार है। यदि राज्य उच्च न्यायालय में केस को हार गया है तो यह प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के साथ मिलीभगत का सीधा परिणाम है। इसका साफ मतलब यह है कि इस केस को ठीक से नहीं लड़ा तथा यहां तक कि अदालत को यह सूचित करने में विफल रहा कि स्कूल प्रबंधन उनके द्वारा लोन पर रोक लगा सकते तथा माता-पिता को इसके लिए मजबूर नहीं करना पड़ता। उन्होंने इस विफलता के लिए सीधे तौर पर शिक्षा मंत्री जिम्मेदार ठहराते कहा कि यह स्पष्ट है कि सिंगला प्राइवेट स्कूल प्रबंधनों के दबाव में आ गए थे। यही कारण है कि पंजाब सरकार तनावग्रस्त माता-पिता को कोई राहत दिलाने में विफल रही है, जबकि उत्तराखंड, दिल्ली और केरल के उच्च न्यायायलों ने माता-पिता को राहत दी है।

शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के बयान पर टिप्पणी करते कहा कि सरकार पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा ट्यूशन और एडमिशन फीस वसूलने की अनुमति देने के आदेश के खिलाफ पुन: याचिका दायर करेगी, इसमें कई महीने लग जाएंगे और उन ब‘चों का भविष्य खराब हो जाएगा जिनके माता-पिता फीस नहीं दे पाएंगे। शिक्षामंत्री को यह महसूस करना चाहिए कि हजारों माता-पिता अपनी नौकरी खोने के बाद या कारोबार में नुकसान के कारण इतनी ’यादा फीस देने की स्थिति में नही हैं। ऐसी स्थिति में प्रभावित ब‘चों के भविष्य को बचाने के लिए सीधे मुआवजे की आवश्यकता है। सरकार को लॉकडाउन की तीन महीने की अवधि और अन्य तीन महीने सहित 6 महीने के लिए इन ब‘चों की ओर से टयूशन फीस तथा एडमिशन फीस देनी चाहिए, जिस समय के दौरान स्कूल बंद रहने की संभावना है।उन्होंने कहा कि रा’य सरकार को उन सभी अभिभावकों की सूची बनाने का अभियान शुरू करना चाहिए, जिनकी आर्थिक स्थिति लॉकडाउन से प्रभावित हुई थी और उनकी फीस प्राइवेट स्कूल प्रबंधनों को जमा करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर इस संबध में कोई आश्वासन नहीं आया तो अकाली दल पटियाला के वाई.पी.एस. के अभिभावकों के समर्थन में आंदोलन शुरू करेगा। अदालत में केस लडऩे में अभिभावकों की हर संभव मदद करेगा।

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