Edited By Urmila,Updated: 06 Jun, 2022 05:57 PM

हर वर्ष ही गेहूं व धान के बचे अवशेष को खत्म करने के लिए किसानों की तरफ से खेतों में नाड़ को आग लगा दी जाती है जिस कारण प्रदूषण बड़े स्तर पर मुश्किलों खड़ी ...
जीरा (सतीश): हर वर्ष ही गेहूं व धान के बचे अवशेष को खत्म करने के लिए किसानों की तरफ से खेतों में नाड़ को आग लगा दी जाती है जिस कारण प्रदूषण बड़े स्तर पर मुश्किलों खड़ी कर देता है। गेहूं व धान की फसलों के खेतों में बची अवशेष को नष्ट करने के लिए देश-विदेश में संशोधन किया जा रहा है जिससे इसको जलाने के साथ बढ़ रहे प्रदूषण की समस्या से छुटकारा पाया जा सके। फिरोजपुर के जीरा इलाके के शहीद गुरु रामदास सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल की 12वीं की नान-मेडिकल की छात्रा भजनप्रीत कौर ने भी इस समस्या सम्बन्धित संशोधन किया है। इसके लिए उसे राष्ट्रीय स्तर के मुकाबलो में ईनाम भी मिल चुका है। हाल ही में पंजाब के 8 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय मुकाबलो में भाग लिया और अपनी संशोधन पेश किया जिसमें भजनप्रीत कौर द्वारा किए संशोधन को 23 नवंबर से 25 नवंबर तक गोवा में होने वाले अंतर्ष्ट्रीय मुकाबलों के लिए चुना गया है।
भजनप्रीत कौर ने बताया कि इस संशोधन का उद्देश्य देश भर में खेतों में पराली को आग लगाने के साथ हो रहे अधिक प्रदूषण को बचाना और इसको जलाने के साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति को कम करना है। भजनप्रीत ने कहा कि उसका सपना आई.ए.एस. बनने का है और वह देश की सेवा करना चाहती है। वह समाज के हित में ऐसे संशोधन करने की कोशिश करती रहूंगी। 25 विद्यार्थियों में से भजनप्रीत का प्रोजेक्ट जोन स्तर, स्टेट स्तर, नॉर्थ जोन में टॉप रहा। वडोदरा में भजनप्रीत देश के 178 भागीदारों में से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चुने गए 25 विद्यार्थियों में शामिल है।
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