Edited By Vatika,Updated: 18 Dec, 2025 11:27 AM

पंजाब सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के लिए अपने घरों, व्यापारिक संस्थानों और औद्योगिक घरानों में
लुधियाना (खुराना) : पंजाब सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के लिए अपने घरों, व्यापारिक संस्थानों और औद्योगिक घरानों में बिजली के नए मीटर लगवाने संबंधी विभिन्न विभागों से प्राप्त करने वाली एन.ओ.सी. की शर्त को खत्म करने के बाद बिजली के मीटर अप्लाई करने वालों की संख्या में चार गुना तक की भारी बढ़ौतरी दर्ज की गई है।
पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन के सैंट्रल जोन के अंतर्गत पड़ते लुधियाना जिले से संबंधित इलाकों सिटी ईस्ट सर्किल की 7 डिवीजनों सिटी सैंटर, सी.एम.सी., फोकल प्वाइंट, सुंदर नगर और सिटी वैस्ट की पांच डिवीजनों सिटी वैस्ट, मॉडल टाऊन, जनता नगर, अग्र नगर, स्टेट डिवीजन, सब अर्बन इलाकों ललतों कलां, अड्डा दाखा, रायकोट, जगराओं मंडी अहमदगढ़ सहित खन्ना, दोराहा, सरहिंद, अमलोह और मंडी गोबिंदगढ़ आदि में पड़ती उन अप्रूव्ड कॉलोनियों में बसे लाखों परिवारों को अपने घरों, व्यापारिक संस्थाओं में औद्योगिक इकाइयों आदि में इससे पहले बिजली के नए कनैक्शन लेने के लिए नगर निगम, पुडा, ग्लाडा, पंचायतों सहित कई अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों से कोई बकाया नहीं संबंधी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने की जरूरत पड़ती थी लेकिन सरकार द्वारा गत दिनों एन.ओ.सी. की शर्त को खत्म कर दिया गया है।
पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सरकार द्वारा की गई पहलकदमी के बाद अब मीटर अप्लाई करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पावरकॉम विभाग के एक्सियन ने बताया कि उनके कार्यालय में एन.ओ.सी. की शर्त खत्म होने से पहले जहां एक महीने में बिजली के 400 नए कनैक्शन अप्लाई हो रहे थे अब यह संख्या बढ़कर 2000 तक का आंकड़ा छूने लगी है। ऐसे में पावरकॉम विभाग में स्टाफ की भारी कमी होने के कारण आवेदनकर्ताओं सहित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की परेशानी एकाएक आसमान छूने लगी है जिसमें अधिकारी और कर्मचारी इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके पास पूरा स्टाफ नहीं है। वहीं आवेदनकर्त्ता लंबे समय के बाद भी बिजली का मीटर नहीं लगने के कारण दुखी हो रहे हैं। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक तमाम कोशिशों के बावजूद भी विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा केवल 40 फीसदी आवेदनकर्ताओं के बिजली मीटर ही लगाए जा रहे हैं।
उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ रहा डाका
इस दौरान जो जानकारी निकल कर सामने आई है वह यह है कि पावरकॉम विभाग की एम.ई. लैब के पास बिजली के मीटरों, तारों यहां तक कि मीटर के बॉक्सों की भारी शॉर्टेज है जिसके कारण जहां पावरकॉम विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बिजली के नए मीटरों और तारों की उचित सप्लाई नहीं मिल पा रही है। वहीं मीटर लगाने के लिए लोहे के बॉक्स नहीं होने का बोझ भी कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं की जेब पर डाला जा रहा है। जिसमें उपभोक्ताओं के घरों एवं अन्य स्थानों में मीटर लगाने के लिए पहुंचे कर्मचारी संबंधित उपभोक्ताओं से 500 से 1000 रु. की वसूली कर रहे हैं और मजबूरन उपभोक्ताओं को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं।