पंजाब में Board की परीक्षाओं को लेकर जारी हुए नए आदेश, पढ़ें...

Edited By Vatika,Updated: 17 Dec, 2025 09:02 AM

punjab board exam

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी.एस.ई.बी.) का सुस्त रवैया और लचर योजनाबद्धता एक बार फिर राज्य

लुधियाना (विक्की): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी.एस.ई.बी.) का सुस्त रवैया और लचर योजनाबद्धता एक बार फिर राज्य भर के स्कूलों के लिए सिरदर्द बन गई है। मार्च 2026 में आयोजित होने वाली 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए बोर्ड ने जिस तरह अंतिम समय में हड़बड़ाहट में प्रक्रिया शुरू की है, उससे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्कूल प्रमुखों में गहरा रोष है। स्थिति यह है कि बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की फिजिकल वैरीफिकेशन जांचने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए पूरा बोझ शिक्षा विभाग के कंधों पर डाल दिया है।

पी.एस.ई.बी. द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, मार्च 2026 की परीक्षाओं के लिए स्कूलों को आवंटित परीक्षा केंद्रों, संबंधित बैंकों और प्रश्न-पत्र एकत्रीकरण केंद्रों का विवरण 4 दिसम्बर को स्कूल लॉगिन आई.डी. पर अपलोड किया गया। इसके साथ ही, स्कूलों को फरमान सुनाया गया कि यदि उन्हें केंद्र बनाने में कोई समस्या है तो वे मात्र कुछ ही दिनों के भीतर, यानी 10 दिसम्बर तक जिला शिक्षा अफसर (सैकेंडरी शिक्षा) के माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज करवाएं। बोर्ड द्वारा पत्र जारी होते ही कई स्कूलों ने अपने यहां बने परीक्षा केंद्रों को रद्द करने के लिए आवेदन भेजे हैं। स्कूलों ने तर्क दिया है कि कहीं नई इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है, तो कहीं छात्रों के बैठने की क्षमता कम कर दी गई है। इन दावों की जांच बोर्ड की अपनी टीमों को करनी चाहिए थी। लेकिन बोर्ड ने अपनी टीमें भेजने की बजाय यह काम भी शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारियों और स्कूल प्रिंसीपलों के मढ़ दिया है। अब एक स्कूल का प्रिंसीपल दूसरे स्कूल में जाकर यह जांचने को मजबूर है कि वहां केंद्र रद्द करने का कारण सही है या नहीं।

अप्रैल से सितम्बर तक सोया रहा बोर्ड
विभिन्न स्कूलों के प्रिंसीपलों ने दबी जुबान में बोर्ड की कार्यप्रणाली को 'माड़ा' (खराब) करार दिया है। उनका कहना है कि परीक्षा की तैयारी एक साल पहले शुरू होनी चाहिए। अप्रैल से लेकर सितम्बर तक का समय, जो तैयारियों के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस दौरान बोर्ड के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। अब जब परीक्षाएं सिर पर हैं, तो आनन-फानन में कार्रवाई शुरू की गई है। हालात ये हैं कि कई स्कूलों में परीक्षार्थियों के लिए पर्याप्त फर्नीचर (डैस्क) तक नहीं है। परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए उन्हें दूसरे स्कूलों से डेस्क उधार मांगकर काम चलाना पड़ रहा है, जो बोर्ड के कुप्रबंधन का जीता-जागता सबूत है। वहीं कई स्कूलों का कहना है कि उनके विद्यार्थियों के लिए बनने वाला केंद्र बहुत दूर बनता है, जिसे नजदीक किसे स्कूल में बनाया जा सकता है।

फीस बोर्ड की, मेहनत विभाग की
शिक्षा क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि बोर्ड छात्रों से परीक्षा के नाम पर अच्छी-खासी फीस वसूलता है और परीक्षा के सारे प्रबंध करने का दावा करता है। लेकिन धरातल पर सच्चाई यह है कि परीक्षा के दौरान स्टाफ शिक्षा विभाग का होता है और अब केंद्रों की वैरिफिकेशन भी विभाग ही कर रहा है। बोर्ड केवल आदेश जारी करने तक सीमित रह गया है। बोर्ड के पत्र के अनुसार, जिन स्कूलों में केंद्र बनेंगे, वहां के स्कूल प्रमुख ही 'केंद्र कंट्रोलर' होंगे और पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। इसके अलावा, प्रश्न पत्रों के रखरखाव और उत्तर पुस्तिकाओं को जमा करवाने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल लॉगिन आई.डी. में प्रिंसीपल और सीनियर मोस्ट लैक्चरर/मास्टर का मोबाइल नंबर अपडेट करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। यह प्रक्रिया 3 स्कूलों के विकल्प देने और मुख्य कार्यालय से मंजूरी मिलने के बाद ही पूरी मानी जाएगी।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!