Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 11:50 PM
पंजाब सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को सस्ती दरों पर बिजली सप्लाई करने से संबंधित उद्योगपतियों की 3 मुख्य मांगों को स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के निर्देश पर मंगलवार सायं को आयोजित की गई बैठक में सिंचाई तथा बिजली मंत्री राणा...
चंडीगढ़/खन्ना(पराशर/शाही): पंजाब सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को सस्ती दरों पर बिजली सप्लाई करने से संबंधित उद्योगपतियों की 3 मुख्य मांगों को स्वीकार कर लिया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के निर्देश पर मंगलवार सायं को आयोजित की गई बैठक में सिंचाई तथा बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह और उद्योगपतियों में जिन मुद्दों पर समझौता हुआ है, उनमें पिछले समय से बिजली दर की वृद्धि की पूर्ति का मुद्दा, टू-पार्ट टैरिफ और 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली सप्लाई करने के चुनावी वायदे को लागू करना शामिल है। यह दर 1 जनवरी, 2018 से बड़े और मध्यम उद्योगों पर लागू होगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पिछले समय से बिजली दर की वृद्धि की पूर्ति के लिए अप्रैल से अक्तूबर 2017 तक वित्तीय बोझ 600 करोड़ रुपए बनता है जिसमें से 300 करोड़ रुपए बोझ सरकार उठाएगी और शेष उद्योगपति देंगे। 2 हिस्सों वाली दरों का फैसला पंजाब राज्य बिजली रैगुलेरिटी कमीशन द्वारा 1 जनवरी, 2018 से लागू किया जाएगा।
इस अनुसार अधिकतम ओवरऑल रेट बड़े और मध्यम उद्योगों के लिए 1 जनवरी, 2018 से 31 मार्च, 2018 तक के लिए फिक्स किया जाएगा जोकि मध्यम उद्योगों के लिए 6.57 रुपए प्रति यूनिट और बड़े उद्योगों के लिए 6.89 रुपए प्रति यूनिट वर्ष 2017-18 के लिए पंजाब राज्य बिजली रैगुलेरिटी कमीशन द्वारा तय की गई है। इस छूट से सरकारी खजाने पर 1450 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।