विवाद सुलझ जाने के बावजूद शुरू नहीं हो रहा शाहपुर कंडी डैम का निर्माण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 09:45 AM

construction of shahpur kandi dam  despite the dispute being resolved

जिस राष्ट्रीय महत्व के शाहपुर कंडी डैम बेराज प्रोजैक्ट का निर्माण शुरू करवाने के लिए पंजाब सरकार,मजदूर संगठनों सहित केन्द्र सरकार ने कई साल लगातार मेहनत की थी, उस शाहपुर कंडी डैम का निर्माण कार्य 1 सितम्बर, 2014 से बंद पड़ा है।

गुरदासपुर (विनोद) : जिस राष्ट्रीय महत्व के शाहपुर कंडी डैम बेराज प्रोजैक्ट का निर्माण शुरू करवाने के लिए पंजाब सरकार,मजदूर संगठनों सहित केन्द्र सरकार ने कई साल लगातार मेहनत की थी, उस शाहपुर कंडी डैम का निर्माण कार्य 1 सितम्बर, 2014 से बंद पड़ा है। इस संबंधी जम्मू-कश्मीर तथा पंजाब सरकार के बीच पैदा हुआ विवाद बीते साल सुलझ गया था परंतु उसके बावजूद पंजाब सरकार इस डैम का निर्माण पुन: शुरू करने की मंजूरी नहीं दे रही है जबकि लगभग 2300 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले डैम पर सरकार के अब तक लगभग 620 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। वैसे तो शाहपुर कंडी डैम का निर्माण भी रंजीत सागर डैम के साथ ही साल 2000 में पूरा हो जाना चाहिए था परंतु तब पंजाब सरकार ने
रणजीत सागर डैम को प्राथमिकता देकर शाहपुर कंडी डैम का निर्माण दूसरे फेज में पूरा करने का निर्णय लिया था।


शाहपुर कंडी डैम के निर्माण संबंधी न तो केन्द्र और न ही पंजाब सरकार गंभीर : लूम्बा

इस संबंधी कर्मचारी संगठन इंटक के जिला प्रधान ज्ञान चंद लूम्बा ने आरोप लगाया कि शाहपुर कंडी डैम के निर्माण संबंधी न तो केन्द्र और न ही पंजाब सरकार गंभीर है। सभी जानते हैं कि जब तक शाहपुर कंडी डैम का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता तब तक रणजीत सागर डैम से पूरी क्षमता मे बिजली उत्पादन प्राप्त नहीं किया जा सकता। शाहपुर कंडी डैम का निर्माण जिस तरह से बंद पड़ा है उससे सरकार का करोड़ों रुपए  का प्रतिदिन नुक्सान हो रहा है तथा पंजाब में बिजली संकट भी बना हुआ है। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले का समाधान कर शाहपुर कंडी डैम का निर्माण जल्दी पुन: शुरू करवाए। यदि सरकार ने तुरंत समाधान न  किया जो हम अन्य मजदूर संगठनों को साथ लेकर सरकार के विरुद्ध संघर्ष शुरू करेंगे।

क्या इतिहास है शाहपुर कंडी डैम का

माधोपुर हैडवक्र्स से लगभग 7 किलोमीटर ऊपर तथा रणजीत सागर डैम से लगभग 11 किलोमीटर नीचे बनने वाले इस डैम को बनाने के लिए 20 अप्रैल, 1995 को उस समय के प्रधानमंत्री वी.पी. नरसिम्हा राव ने नींव पत्थर रखा था। इस डैम के निर्माण संबंधी पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर राज्य सरकारों के बीच जो वर्ष 1979 में समझौता हुआ था उसके अनुसार शाहपुर कंडी डैम के निर्माण के बाद यहां से जम्मू तक बनाई हाई लैवल नहर के माध्यम से कृषि कार्यों के लिए इसी डैम से पानी उपलब्ध करवाया जाना है तथा कुल बिजली उत्पादन का 20 प्रतिशत हिस्सा जम्मू-कश्मीर सरकार को मुफ्त मिलना है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपने इलाके में जम्मू तक हाई लैवल नहर का निर्माण करवा रखा है परंतु शाहपुर कंडी डैम के न बनने के कारण यह नहर बेकार हो गई है। जम्मू-कश्मीर सरकार का मानना है कि शाहपुर कंडी डैम के निर्माण में देरी के कारण उन्हें आज तक 8500 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ जिसमें लगभग 2500 करोड़ रुपए की प्राप्त होने वाली
बिजली से वंचित रहना पड़ा है तथा लगभग 6000 करोड़ रुपए का सिंचाई साधन न मिलने से अनाज से वंचित रहना पड़ा है।

जम्मू-कश्मीर सरकार अब यह कह रही है कि वह अब अपने स्तर पर ही डैम का निर्माण करेगी तथा पंजाब को कुछ हिस्सा नहीं दिया जाएगा। जिस स्थान पर इस समय शाहपुर कंडी डैम का निर्माण किया जा रहा है वह जमीन लगभग सारी ही जम्मू-कश्मीर सरकार की है तथा उसी स्थान पर जम्मू-कश्मीर सरकार अपने स्तर पर डैम बनाने की बात कर रही थी जबकि अभी तक इस सारे काम (पावर हाऊस) का टैंडर 687 करोड़ का हुआ था और पंजाब सरकार इस पर लगभग 90 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।

 

क्या कहते हैं शाहपुर कंडी डैम के अधिकारी

इस संबंधी जब शाहपुर कंडी डैम के एक्सियन सुधीर गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच उच्च स्तर पर हुई कई मीटिंगों के बाद 3 मार्च, 2017 मं फिर समझौता हो गया था तथा दोनों राज्यों में इस डैम का निर्माण पुरानी शर्तों पर ही करवाने की सहमति हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर राज्य सरकार ने अपनी विधानसभा से 28 अगस्त, 2017 को भी इस डैम के निर्माण की मंजूरी प्राप्त कर ली थी।

 

उन्होंने बताया कि उसके बाद चीफ इंजीनियर शाहपुर कंडी डैम ने भी अगस्त 2017 को पंजाब सरकार से डैम का निर्माण कार्य फिर से शुरू करने के लिए मंजूरी मांगी है परंतु अभी तक पंजाब सरकार का इस संबंधी कोई जवाब नहीं मिला है। जैसे ही मंजूरी पंजाब सरकार देगी उसी समय शाहपुर कंडी डैम का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस शाहपुर कंडी डैम पर आने वाली अनुमानित लागत लगभग 2285 करोड़ रुपए है जबकि हो रही देरी के चलते यह लागत अब बढ़कर लगभग 2400 करोड़ रुपए हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस डैम के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए तो केन्द्र सरकार दे रही है जबकि 1400 करोड़ रुपए का लोन विभिन्न एजैंसियों से लिया जाएगा। जैसे ही पंजाब सरकार इस डैम के निर्माण की मंजूरी देगी उसके साथ ही काम शुरू हो जाएगा।

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