Edited By Urmila,Updated: 09 Aug, 2025 05:34 PM

पिछले दिनों पहाड़ी क्षेत्र में हुई भारी बरसात के चलते जहां हिमाचल के अंदर कई जगहों पर भारी तबाही हुई है।
गुरदासपुर (हरमन) : पिछले दिनों पहाड़ी क्षेत्र में हुई भारी बरसात के चलते जहां हिमाचल के अंदर कई जगहों पर भारी तबाही हुई है, वहीं ब्यास दरिया पर बने डैमों में बरसात का पानी इकट्ठा होने के कारण पंजाब के कई क्षेत्रों से गुजरने वाले ब्यास दरिया में भी पानी उफान पर है। हालात यह बने हुए हैं कि पोंग डैम में पहाड़ों से तेजी से आ रहे पानी के कारण यह डैम पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें से रोजाना छोड़े जा रहे 40 से 45 हजार क्यूसेक पानी के चलते ब्यास दरिया में भी पिछले कई दिनों से भारी मात्रा में पानी लगातार बह रहा है।
इसी के चलते प्रशासन की ओर से ब्यास दरिया के नजदीकी गांवों के लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है और साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि फिलहाल लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है और किसी भी जगह पर कोई खतरा नहीं है। जिला प्रशासन ने गुरदासपुर जिले से गुजरने वाले ब्यास दरिया के धूसी बांध की निगरानी के लिए भी संबंधित विभागों को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं और साथ ही बाढ़ कंट्रोल रूम सहित अन्य टीमों का गठन करके हर तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भी कमर कस ली है।
क्या है पोंग डैम की स्थिति?
उल्लेखनीय है कि पोंग डैम में हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाला बरसात का पानी इकट्ठा होता है। इस डैम पर बिजली उत्पादन करने के बाद यह पानी आगे छोड़ा जाता है जो ब्यास दरिया में आकर मिलता है। इस डैम में कुल 1390 फुट तक पानी भर सकता है और इस समय पानी का स्तर 1376 फुट तक पहुंच गया है, जिसके कारण डैम प्रशासन की ओर से लगातार नजदीकी जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने के लिए कई बार सूचित किया जा चुका है।

ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन दिलप्रीत सिंह ने बताया कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और अगर पहाड़ी क्षेत्र में ज्यादा बरसात नहीं होती तो डैम में पानी का स्तर बहुत जल्दी कम हो जाएगा और स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर बरसात ज्यादा होती है तो हो सकता है कि डैम में पानी का स्तर बढ़ जाए, पर इसके बावजूद भी अभी खतरे वाली बात नहीं है, क्योंकि ब्यास दरिया में इस समय कुछ दिनों से 70 से 75 हजार क्यूसेक पानी ही बह रहा है, जबकि इस दरिया में डेढ़ लाख क्यूसेक से भी ज्यादा पानी आसानी से बह सकता है। उन्होंने कहा कि पोंग डैम में से रोजाना 40 से 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और ब्यास दरिया में चक्की सहित अन्य नालों से आने वाला पानी मिलाकर इस समय कई दिनों से औसतन 70 से 80 हजार क्यूसेक पानी की मात्रा रह रही है। उन्होंने कहा कि पिछले महीने बारिश होने के कारण 1 लाख क्यूसेक तक पानी भी इस दरिया में से होकर गुजरा था, पर उसके बाद पानी का स्तर लगातार कम ही रहा है। उन्होंने कहा कि ब्यास दरिया के पूरे धूसी बांध का निरीक्षण किया गया है और कहीं भी कोई खतरे वाली बात नहीं है, पर सावधानी के तौर पर दरिया के नजदीकी गांवों के लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
रावी सहित अन्य दरियाओं और नालों की स्थिति
एक्सईएन दिलप्रीत सिंह ने बताया कि रावी दरिया में इस समय पानी की स्थिति बिल्कुल सामान्य है। उन्होंने कहा कि इस समय बड़ी मुश्किल से 13 से 14 क्यूसेक पानी रावी दरिया में बह रहा है, जबकि पिछले दिनों इस दरिया में से भी 80 हजार से एक लाख क्यूसेक पानी गुजरा था। उन्होंने कहा कि रणजीत सागर डैम में भी पानी का स्तर काफी कम हो गया है, जिसके कारण रावी और ऊझ दरिया के नजदीकी इलाकों में किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है।
गुरदासपुर जिले से गुजरने वाले सक्की नाले, गद्दी नाले, किरन नाले सहित अन्य अलग-अलग ड्रेनों के बारे में उन्होंने कहा कि बरसातें होने के कारण कुछ नालों में पानी का स्तर बहुत बढ़ गया था, जिसके कारण ड्रेनों के नजदीकी खेतों में भी पानी आ गया था। पर बरसात न होने के कारण यह पानी आसानी से निकल गया है और अब अलग-अलग ड्रेनों में भी पानी का स्तर काफी नीचे हो रहा है।
बरसात के बावजूद परेशान कर रही है उमस
गुरदासपुर और आसपास के इलाके में बेशक एक-दो दिनों के अंतराल पर लगातार मध्यम से भारी बरसात हो रही है, पर इसके बावजूद इलाके में उमस लोगों को बेहद परेशान कर रही है। इस इलाके में दिन का औसत तापमान 34 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया है, जबकि रात का औसत तापमान 26 डिग्री सेंटीग्रेड के करीब है। आने वाले हफ्ते के दौरान यह तापमान 33 से 34 डिग्री सेंटीग्रेड के करीब रहने की संभावना है। मौसम में नमी की मात्रा 63 फीसदी के करीब बताई जा रही है।
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