केजरीवाल अगर कैप्टन को सस्ती बिजली पर परामर्श देना चाहते हैं तो इसमें हर्ज क्या : बाजवा

Edited By swetha,Updated: 07 Jul, 2019 08:39 AM

partap singh bajwa

पंजाब में आम आदमी पार्टी महंगी बिजली के मामले में कैप्टन अमरेन्द्र सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आई है।

जालंधर(चोपड़ा): पंजाब में आम आदमी पार्टी महंगी बिजली के मामले में कैप्टन अमरेन्द्र सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आई है। वहीं राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब सरकार को सस्ती बिजली पर परामर्श देने की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि वह अगर पंजाब सरकार को सस्ती बिजली पर परामर्श देना चाहते हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं होना चाहिए।  बाजवा ने कहा कि जनता के हितों को देखते हुए कैप्टन सरकार बहाना नहीं लगा सकती कि बिजली मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अभी अपना विभाग नहीं संभाला है। मुख्यमंत्री के पास सभी अधिकार हैं।  वह किसी भी विभाग में सीधा हस्तक्षेप कर सकते हैं। जिक्रयोग्य है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कैप्टन सरकार को अपील की कि अगर वह उनकी सलाह लें तो पंजाब में दिल्ली की तरह बिजली सस्ती हो सकती है। 

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पुराने ढर्रे पर चल रहे सिस्टम को बदलने की जरूरत 

बाजवा ने कहा कि लोकतंत्र में हम दूसरों का अनुसरण करते हैं। पंजाब की एग्रीकल्चर पालिसी को लेकर बहुत से राज्य हमें फालो करते आए हैं और कई प्रदेशों की इंडस्ट्रियल पालिसियों का हम अनुसरण करते हैं। ऐसे में दिल्ली सहित दूसरे राज्यों में पंजाब के मुकाबले अगर बिजली सस्ती है तो उनसे राय लेनी बनती है। उन्होंने कहा कि बिजली सस्ती करनी है तो सबसे पहले सरकार को बड़े पैमाने पर हो रही लाइन लॉसिस/चोरी को रोकना होगा। पुराने ढर्रे पर चल रहे सिस्टम को बदलने की जरूरत है। पंजाब में 27 प्रतिशत लाइन लॉसिस होती है और प्रत्येक 1 प्रतिशत का मतलब 100 करोड़ रुपए का नुक्सान होता है, अगर सरकार 6-7 प्रतिशत लॉसिस रोकने में ही सफल हो जाए तो 800 करोड़ रुपए के करीब बचत हो सकती है।  बाजवा ने कहा कि अगर केजरीवाल कह रहे हैं तो दिल्ली सरकार के एक्सपर्ट बुलाकर उनकी विभाग के चेयरमैन व एम.डी. के साथ मीटिंग करवाई जाए। अगर मंत्री नहीं है तो नया आ जाएगा तब तक बिजली विभाग को मुख्यमंत्री कार्यालय ओवरलुक कर सकता है। 

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बादल सरकार के कार्यकाल में प्राइवेट थर्मल प्लांटों से किए एग्रीमैंट हों रिव्यू

10 वर्ष तक  पंजाब में शासन कर चुकी बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ एग्रीमैंट हुए हैं जिनसे सरकार को महंगी दरों से बिजली मिल रही है। कैप्टन सरकार अगर कानूनी तौर पर हो सके तो इन प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ हुए समझौतों को रिव्यू करे। नए सिरे से मोल-भाव करके इनसे सस्ती बिजली खरीदे। इसके अलावा हिमाचल, सिक्किम, भूटान व सैंट्रल पूल से सस्ती बिजली खरीद कर स्माल स्केल व मीडियम इंडस्ट्री को सस्ती दरों पर बिजली दी जा सकती है। बाजवा ने कहा कि पंजाब सरकार सस्ती बिजली खरीद कर इडस्ट्री को 5 रुपए यूनिट बिजली मुहैया करवाने के वायदे को पूरा करे। वहीं ‘आप’ भी समझौतों को रद्द करने की मांग कर रही है।

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मेरे कहने पर किसी (सिद्धू) ने विभाग थोड़े संभालना

बाजवा ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह हाईकमान व मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि वे इस मामले में गतिरोध को जल्द सुलझाएं ताकि लोग परेशान न हों। सिद्धू से विभाग संभालने की अपील करने के सवाल पर बाजवा ने कहा कि मेरी किसी से कोई अपील नहीं, मेरे कहने पर किसी ने विभाग थोड़े संभालना। जिसकी जो मर्जी वह करे परंतु प्रदेश की जनता का नुक्सान न करे। 

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बड़ी इंडस्ट्री से मिलीभगत करके बिजली का उपयोग फार्मिंग सैक्टर को दिखा हो रहा घोटाला

प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि केवल लुधियाना में ही कई ऐसी बड़ी इंडस्ट्रीज हैं जिनमें उपयोग हो रही हजारों यूनिट बिजली को बिजली कर्मचारियों की मिलीभगत से फार्मिंग सैक्टर के उपयोग में लाया दिखाया जा रहा है। बिजली चोरी के ऐसे मामलों में बिजली कर्मचारी मोटा मुनाफा कमाते हैं। सरकार ने अगर बिजली सस्ती करनी है तो सबसे पहले चोरी रोकने की जरूरत है। 

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