पब्लिक की पहुंच से दूर होने लगीं दैनिक प्रयोग की वस्तुएं; बिगड़ने लगे रसोई के हालात

Edited By Vatika,Updated: 26 Mar, 2020 10:30 AM

items of daily use started to be out of reach of public

कर्फ्यू में प्रशासन द्वारा किसी तरह की ढील न देकर लोगों के घरों तक सामान पहुंचाने के लिए जो इंतजाम किए जा रहे हैं, वे फिलहाल नाकाफी साबित हो रहे हैं

जालंधर (पुनीत): कर्फ्यू में प्रशासन द्वारा किसी तरह की ढील न देकर लोगों के घरों तक सामान पहुंचाने के लिए जो इंतजाम किए जा रहे हैं, वे फिलहाल नाकाफी साबित हो रहे हैं जिसके चलते दैनिक प्रयोग की वस्तुएं पब्लिक की पहुंच से दूर होने लगी हैम। सामान की जो किल्लत पैदा हो रही है, उससेरसोई घर के हालात बिगडऩे लगे हैं क्योंकि दुकानें न खुलने से लोग खरीदारी नहीं कर पा रहे।

अधिकतर इलाकों के लोग दूध, सब्जियां, करियाना व अन्य सामान आने का इंतजार करते रहे, लेकिन यह इंतजार खत्म नहीं हुआ जिससे लोगों को निराश होना पड़ा। प्रशासन द्वारा लोगों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए जो हैल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, वे लोगों की जरूरत मुताबिक सुविधा नहीं दे पाए। अधिकतर लोगों का यही कहना था कि कई बार कॉल करने के बावजूद हैल्पलाइन नंबरों पर उनका संपर्क नहीं हो सका। जनता कालोनी निवासी श्रीमती सीमा का कहना है कि उन्हें जरूरी इंजैक्शन चाहिए थे, जिसके चलते उन्होंने हैल्पलाइन नंबर पर काल की थी, उन्हें दोपहर तक रिस्पांस की बात कही गई, लेकिन किसी की कोई कॉल नहीं आई। लद्देवाली निवासी अरविन्द्र सिंह को भी दवाओं को लेकर दिक्कत पेश आई।

उन्होंने कहा कि उनके परिजनों को दवा की जरूरत थी, लेकिन कई बार कॉल करने के बावजूद उनका हैल्पलाइन नंबर पर संपर्क नहीं हो सका। इसके अलावा और कई लोगों ने संबंधित नंबर न उठाने की भी शिकायत की। वहीं, आज पहला नवरात्र होने के कारण भक्तों को पूजन का सामान मिलने में खासी दिक्कतें उठानी पड़ी हैं। मन्दिरों के बाहर स्थित दुकानों में पूजन का सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता है, लेकिन मन्दिर बंद होने के कारण लोगों को वहां पर भी सामान नहीं मिल पाया। पूजन के लिए इस्तेमाल होने वाला नारियल भी आज रूटीन के मुताबिक महंगे दामों में बिका। 
 

कई दुकानों में महंगे दामों में बिकने लगा सामान
प्रशासन द्वारा दुकानें खोलने पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन इसके बावजूद अधिकत्तर मोहल्लों में सुबह तड़के इक्का-दुक्का दुकानें खुली पाई गई। यह भी देखने में आया कि जिन दुकानदारों की दुकानें घर में स्थित हैं, वह दुकान का शटर खोले बिना सप्लाई करते रहे। सबसे अहम जरूरत चीजों में शामिल आटा, दूध इत्यादि एम.आर.पी. से महंगा बिकने की बात सामने आ रही है। जो दुकानें सुबह-सुबह खुली थीं, वे 9 बजे के बाद बंद पाई गईं। बताया जा रहा है कि संकट के इस दौर में कुछ तथाकथित दुकानदार मुनाफा कमाने के चक्कर में लगे हुए हैं। प्रशासन ऐसे लोगों पर कड़़ी नजर रख रहा है, जो दुकानें खुली मिल रही हैं, उन पर कार्रवाई हो रही है। 

सुचारू रूप से नहीं चल पाई सामान बांटने की व्यवस्था : विवेक खन्ना
वार्ड नं.-17 से भाजपा पार्षद पति विवेक खन्ना का कहना है कि मुश्किल के इस दौर में लोगों की सुविधा हेतू जो व्यवस्था बनाई गई है, वह सुचारू रुप से नहीं चल पाई, जिसके चलते लोगों को दिक्कतें पेश आ रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड में पड़ते गुरु गोङ्क्षबद सिंह एवेन्यू, सूर्या एंक्लेव, बशीरपुरा, कमल विहार, ठाकुर सिंह कालोनी, लक्कड़ वाला पुल व आसपास के इलाकों में सामान इत्यादि सप्लाई करने के लिए सही ढंग से दुकानों का चयन नहीं किया गया। खन्ना ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शाम 5 बजे कुछ प्रतिनिधियों को बुलाया गया था, लेकिन वहां मीटिंग होने के कारण अधिकारियों से संपर्क नहीं हो सका। खन्ना ने कहा कि इस समय सही ढंग से व्यवस्था सुचारू करने के लिए इलाका पार्षदों से राय ली होती तो सुचारू व्यवस्था हो सकती थी। 

कई पंपों पर कार्ड के जरिए नहीं डल रहा पैट्रोल
प्रशासन द्वारा शहर के कई पैट्रोल पंपों को खोलने का समय निर्धारित किया गया है, जहां पर कफ्र्यू में छूट दी गई सेवाओं से संबंधित वाहनों में तेल इत्यादि डाला जा रहा है। देखने में आ रहा है कि कई पंपों पर केवल नकद ही स्वीकार किया जा रहा है जिसके चलते उन लोगों को दिक्कत पेश आ रही है, जिनके पास कैश की उपलब्धता नहीं है। रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित संतोषी नगर निवासी विनोद दुबे ने कहा कि वह शहर के 2-& पंपों पर गए, लेकिन सभी जगह पर कैश की ही डिमांड की गई। 

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