Edited By Updated: 12 Aug, 2016 04:56 PM
स्वतंत्रता दिवस निकट आते ही देश भर में लोगों पर देशभक्ति का रंग चढऩे लगता है लेकिन देशभक्ति के जनून में लोग
जालंधर (भारती): स्वतंत्रता दिवस निकट आते ही देश भर में लोगों पर देशभक्ति का रंग चढऩे लगता है लेकिन देशभक्ति के जनून में लोग जाने-अनजाने तिरंगे का अपमान भी कर बैठते हैं। आप की गलती से तिरंगे का अपमान तो होता ही है, आप को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
दरअसल स्वतंत्रता दिवस करीब आते ही बाजार में प्रतिबंधित प्लास्टिक के झंडों की भरमार हो गई है। जालंधर के हर चौराहे पर आप को ये झंडे मिल जाएंगे लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं है। इस प्लास्टिक के झंडे की कीमत 5 से 10 रुपए के बीच है। हालांकि देश भर में प्लास्टिक के झंडे बनाने और बेचने पर प्रतिबंध है लेकिन फिर भी प्लास्टिक के झंडे बना कर बेचे जा रहे हैं। उधर, उड़ीसा हाईकोर्ट ने 2014 में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए प्लास्टिक के झंडों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। याचिकाकर्त्ता ने अपनी याचिका में कहा था लोग देशभक्ति की भावना के उत्साह में ये झंडे खरीद लेते हैं लेकिन अगले ही दिन उन झंडों को सड़क पर फैंक देते हैं जहां वे पैरों के नीचे रौंदे जाते हैं या कचरे के साथ जला दिए जाते हैं जो कि राष्ट्रध्वज का अपमान है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि 2002 के संशोधन के अनुसार तिरंगा प्राकृतिक कपड़े और मानक आकार में बनाया जाए। इसके अलावा यू.जी.सी. ने भी कालेजों और विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर प्लास्टिक के झंडों का प्रयोग करने से मना किया था। गृह मंत्रालय ने भी इस संबंध में सभी राज्यों को आदेश जारी किए हैं। प्लास्टिक के झंडे आसानी से अपघटित नहीं होते और इन्हें आसानी से नष्ट भी नहीं किया जा सकता। यह पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हैं। गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने पर 3 साल की सजा और जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकारों और दूसरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि सांस्कृतिक और कार्यक्रमों में प्लास्टिक के झंडों की बजाय कागज के बने झंडे का प्रयोग किया जाए।