दुबई में अवैध शराब के धंधे को अंजाम देने के लिए पंजाब के बाऊंसरों का किया जा रहा इस्तेमाल

Edited By Vatika,Updated: 22 Jul, 2019 01:24 PM

illegal alcohol

दुबई में अवैध शराब के धंधे को अंजाम देने के लिए पंजाब के बाऊंसरों का इस्तेमाल हो रहा है। दुबई में शराब माफिया मोटी कमाई के लिए अवैध शराब का धंधा करता है।

जालंधर(कमलेश): दुबई में अवैध शराब के धंधे को अंजाम देने के लिए पंजाब के बाऊंसरों का इस्तेमाल हो रहा है। दुबई में शराब माफिया मोटी कमाई के लिए अवैध शराब का धंधा करता है। सूत्र बताते हैं कि दुबई में शराब का अवैध कारोबार चलाने के लिए माफिया के कई ग्रुप बने हुए हैं जिनमें वर्चस्व की लड़ाई को लेकर अक्सर गैंगवार भी होती रहती है और माफिया ने इसी कड़ी में पंजाब के बाऊंसरों को मोहरा बनाया है।

माफिया के लोग पंजाब में उनके पहचान के एजैंटों के जरिए बाऊंसरों से संपर्क साधते हैं और इसके बाद उन्हें पैसे का लालच देकर दुबई बुला लेते हैं। पिछले कुछ सालों में कई बाऊंसर दुबई जाकर ऐसे मामलों में अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं।  अक्सर सुनने में आता है कि दुबई में कानून बहुत सख्त है और वहां पर क्राइम को बहुत जल्द ही ट्रेस कर लिया जाता है। कई भारतीयों को दुबई में सजा भी भुगतनी पड़ी है लेकिन ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि दुबई में भारतीयों की हुई हत्या को वहां कि पुलिस ट्रेस करने में नाकाम रही है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि मरने वाला उनके देश का नागरिक नहीं होता।

ऐसे जुड़ती है पंजाब के बाऊंसरों से माफिया की चेन
दुबई शराब माफिया एजैंट को सम्पर्क करता है, उसके बाद बाऊंसर से बात की जाती है कि उसे 15 लोगों का ग्रुप तैयार कर दुबई जाना है और वहां पर विरोधी ग्रुप के ठेकों पर कब्जा करना है। इसके बाद सभी 15 लोगों का दुबई का वर्क वीजा लगाया जाता है। वीजा में ज्यादातर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिखाई जाती है। इसके बाद ग्रुप दुबई में जाकर माफिया के लोगों से मिलता है और ठेके पर कब्जा करने की कीमत तय होती है और उसके बाद काम को अंजाम दिया जाता है। एक ठेके पर कब्जे के बदले ग्रुप को 10-15 लाख रुपए दिए जाते हैं। ठेके पर कब्जे की कोशिश में कई लोगों की जान भी चली जाती है।


मामले को दबाने के लिए करोड़ों की राशि चुकाता है माफिया
ठेके पर कब्जे की कोशिश में अगर किसी पंजाबी बाऊंसर की जान चली जाती है तो दुबई शराब माफिया इस मामले को दबाने के लिए करोड़ों रुपए मृतक के परिवार को देता है ताकि मामला तूल न पकड़ सके। ऐसे में परिवार भी चुप हो जाते हैं और मामला भी दब जाता है।

ठेकों पर कब्जे की कोशिश में मारे जाने वालों के परिवार को काफी समय बाद लगता है पता
पैसे के लालच में दुबई पहुंचकर शराब माफिया का हिस्सा बने लोगों के परिवारों को लगता है कि उनका पारिवारिक मैंबर दुबई में नौकरी कर रहा है जबकि असलियत कुछ और ही होती है। ठेके पर कब्जे की कोशिश में जो लोग मारे जाते हैं, उनके परिवारों को काफी समय तक उनकी मौत का पता ही नहीं लगता। पता लग जाने पर भी मृतक की बॉडी भारत लाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है।

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