Edited By Tania pathak,Updated: 20 Oct, 2020 05:00 PM
विधायक रमिन्दर आवला ने कहा कि यह बिल जहां खपतकारों को अनाज की जमाखोरी और कालाबाजारी से बचाएंगे...
जलालाबाद (सेतिया,सुमित,टीनू ): पंजाब में चाहे जल का मसला हो या फिर किसानों के फसल मूल्य का मसला हो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसानों के हकों को हमेशा आगे रखा है। यह विचार विधायक रमिंदर आवला ने विधानसभा सेशन दौरान मुख्यमंत्री द्वारा किसान विरोधी कानूनों को बचाने के लिए पेश किए तीन बिलों की प्रशंसा करते मीडिया के साथ बातचीत करते प्रकट किए।
विधायक रमिन्दर आवला ने कहा कि यह बिल जहां खपतकारों को अनाज की जमाखोरी और कालाबाजारी से बचाएंगे वहीं कोई भी व्यापारी बाहर से एमएससपी से कम अनाज की खरीद नहीं कर सकेगा और ऐसा करने पर तीन साल की सजा होगी। इस के अलावा 2.5 एकड़ से कम जमीन वाले किसान की रिकवरी की कार्यवाही में पंजाब की किसी भी अदालत में फिर वसूली की कार्यवाही के साथ नहीं जोड़ा जाएगा।
विधायक रमिन्दर आवला ने कहा कि वर्ष 2002 से लेकर 2007 तक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री रहे और इस दौरान उन्होंने एसवाईएल के मुद्दे पर सख्त स्टैंड लिया और अब जब 2020 में केंद्र कृषि बिल लेकर आई है जिससे किसान कृषि कानून को लेकर पूरी तरह गुस्से में हैं परन्तु दूसरी तरफ विधानसभा सैशन में कैप्टन ने केंद्र को खुली चेतावनी दी कि वह इस्तीफ़ा जेब में लेकर आए हैं और यदि किसानों के हकों के लिए उनको बरखास्त भी होना पड़े तो वह पीछे नहीं हटने और किसानों के साथ ले जाऐंगे।