Edited By Ramkesh,Updated: 02 Oct, 2024 07:00 PM
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जिले में इस साल दो जुलाई को नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा' समागम के दौरान हुई भगदड़ के मामले में अदालत में 3200 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि...
हाथरस: उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जिले में इस साल दो जुलाई को नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा' समागम के दौरान हुई भगदड़ के मामले में अदालत में 3200 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपपत्र में 11 लोगों को मुल्जिम बनाया है जिनमें कार्यक्रम की अनुमति हासिल करने वाले लोग भी शामिल हैं। बचाव पक्ष के वकील ए.पी. सिंह ने बताया कि पुलिस ने 3200 पन्नों का आरोप पत्र न्यायालय में पेश कर दिया।
अदालत ने आरोपियों को आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध कराने की तारीख चार अक्टूबर तय की है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कार्यक्रम के मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर सहित 10 आरोपियों को अलीगढ़ जिला जेल से हाथरस जिला अदालत में पेश किया गया। एक आरोपी मंजू यादव फिलहाल इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद बाहर है। सिंह ने बताया कि मामले की अलग से न्यायिक जांच भी हो रही है। हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में दो जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के समागम के दौरान हुई भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।
पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने कार्यक्रम में कुप्रबंधन के लिए आयोजकों को दोषी ठहराया है। प्रशासन ने कहा था कि आयोजकों ने कार्यक्रम में 80 हजार लोगों की भीड़ जमा होने की बात कही थी लेकिन वहां ढाई लाख लोग इकट्ठा हो गई। हालांकि ‘स्वयंभू' बाबा के वकील ने दावा किया था कि ‘कुछ अज्ञात लोगों' द्वारा ‘जहरीला स्प्रे' छिड़कने के कारण भगदड़ मची थी।