Edited By Vaneet,Updated: 01 Sep, 2020 01:54 PM
नवांशहर के मोहल्ला गुरु रविदास नगर में 20 वर्षीय युवक द्वारा मां के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने से दुखी होकर अपनी जीवन लीला स....
नवांशहर(त्रिपाठी, मनोरंजन): नवांशहर के मोहल्ला गुरु रविदास नगर में 20 वर्षीय युवक द्वारा मां के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने से दुखी होकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का दिल को दहला देनेे वाला मामला सामने आया है। मृतक के पिता शाम लाल ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी करता है तथा उसकी पत्नी भी लोगों के घरों में काम करती है। उसने बताया कि उसकी 3 संतानों में 2 लड़के तथा 1 लड़की है जो शादीशुदा है।
उसने बताया कि रविवार को सेहत विभाग ने उसकी पत्नी के कोरोना पॉजीटिव होने की जानकारी दी थी जिसके उपरान्त विभाग की टीम उसकी पत्नी को करीब 2 बजे सेहत विभाग द्वारा निर्मित आईसोलेशन सैंटर में ले गई थी। उसने बताया कि अगले दिन सेहत विभाग की टीम ने बाद दोपहर उसकी पत्नी को छोडऩे के लिए आ गई तथा उनसे मैडीकल किट मंगवा कर उन्हें घर में एकांतवास होने के लिए कहा गया। उसने बताया कि परन्तु कुछ ही मिंटों के उपरान्त सेहत कर्मचारियों ने अपने निर्णय को बदलते हुए उसकी पत्नी को वापिस एकांतवास केन्द्र में ले गई। उसने बताया कि अपनी मां के कोरोना पॉजीटिव आने के चलते उसका छोटा लड़का कुलविन्दर उर्फ किन्दी डिप्रेशन में चला गया था। उसने मां को एकांतवास केन्द्र ले जाने से रोकने का प्रयास भी किया था। जिस उपरान्त उसके लड़के ने घातम कदम उठाते हुए पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी। युवक द्वारा आत्महत्या का समाचार मिलते ही मोहल्ला निवासी घर के बाहर एकत्रित हो गए। लोगों में सेहत विभाग की कार्रवाई के प्रति भारी गुस्सा देखने को मिला। इस दौरान पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आगे की कार्रवाई शुरु कर दी थी।
मृतक कुलविन्दर की हुई थी बहन के साथ मोबाइल पर बात
मां के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने पर मृतक किन्दी की अपनी विवाहिता बहन के साथ मोबाइल पर बात हुई थी। जिसमें उसकी बहन मां के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने पर जहां बुरी तरह से भयभीत थी तो वहीं फोन पर ही मृतक अपनी बहन को दिलासा देता भी नजर आया है।
अफवाहों के चलते मृतक के मन में बना भय हो सकता है आत्महत्या का कारण
पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि कोरोना पॉजीटिव मरीजों की अस्पतालों में हो रही मौतों को लेकर कई तरह की अफवाहें सामने आ रही जिसमें एक अफवाह में संबंधी बताया कि कई मरीजों के ठीक होने के बाद भी जरुरी अंग निकालने के लिए व्यक्ति को डैड बना दिया जाता है। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि सेहत विभाग की ओर से घर में आईसोलेट करने के बदले गए निर्णय संबंधी मृतक के पिता तथा अन्य किसी भी सदस्य को जानकारी न देकर विश्वास में नहीं लिया जिसके चलते ही मृतक ने डिप्रेशन में आकर आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाया है।