RTA दफ्तर के कर्मचारियों पर विजिलेंस का बड़ा एक्शन

Edited By Urmila,Updated: 19 Aug, 2022 04:09 PM

vigilance s big action on the employees of rta office

संगरूर में फिटनेस सर्टिफिकेट घोटाले को लेकर अहम खबर सामने आई है।

संगरूर: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने के अभियान के तहत रिजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आर.टी.ए.) कार्यालय संगरूर में बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। आर.टी.ए. मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एम.वी.आई.) ने दो क्लर्कों के खिलाफ, 2 विचौलिए और प्राइवेट एजेंटों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। इस मामले में विजिलेंस ने इस कार्यालय के दो कर्मचारियों और एक बिचौलिए को गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस घोटाले में आर.टी.ए. संगरूर, एम.वी.आई., उनके कर्मचारी और प्राइवेट व्यक्तियों की शामलूयित सामने आई है जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करने के बजाय, राज्य में विभिन्न प्रकार के वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए एक दूसरे के साथ मिलीभगत करके एजेंटों से रिश्वत लेते थे।  

उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग के नियमानुसार सभी व्यावसायिक वाहनों को सड़कों पर चलने के लिए आर.टी.ए. दफ्तर से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना पड़ता है और ऐसे सभी वाहन को दस्तावेजों के साथ एम.वी.आई. द्वारा अपने कार्यालय में मौके का निरीक्षण करना होता है। उन्होंने घोटाले की रूपरेखा का खुलासा करते हुए कहा कि ये अधिकारी एजेंटों और बिचौलियों की मिलीभगत से मौके पर ही फिजिकल वेरीफिकेशन किए बिना वाहनों के मॉडल के हिसाब से 2800 रुपए से लेकर 1000 रुपए प्रति वाहन रिश्वत के बदले फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते आ रहे हैं। इस प्रकार आर.टी.ए. और एम.वी.आई. द्वारा दस्तावेजों के आधार पर वाहनों को निर्धारित स्थान पर पार्किंग स्थल पर और मौके पर ही उनका भौतिक जांच किए बिना पास किया जा रहा था।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस संबंधी प्राप्त शिकायतों के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने एम.वी.आई. संगरूर के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया जिसमें इस घोटाले की परतें खुल गईं। इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने 3 मुलजिमों को काबू कर किया है जिनमें धर्मिंदर पाल उर्फ बंटी (एजेंट) निवासी संगरूर, क्लर्क गुरचरन सिंह और डाटा एंट्री ऑपरेटर जगसीर सिंह के अलावा करीब 40 हजार रुपए रिश्वत की राशि और घोटाले से संबंधित कई दस्तावेज बरामद किए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में रविंदर सिंह गिल आर.टी.ए., महेंद्र पाल एम.वी.आई., गुरचरण सिंह क्लर्क, जगसीर सिंह डाटा एंट्री ऑपरेटर, धर्मिंदर पाल उर्फ ​​बंटी और सुखविंदर सुखी दोनों बिचौलिए और अन्य प्राइवेट एजेंटों विरुद्ध विजिलेंस ब्यूरों के थाना पटियाला में एफ.आई.आर.दर्ज की गई है।  

प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक की गई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह घोटाला पिछले 7-8 वर्षों से चल रहा था और हर महीने 2000-2500 से अधिक वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा था, जबकि इस दौरान एक व्यक्ति द्वारा इतनी बड़ी संख्या में वाहनों का मौके पर निरीक्षण करना संभव नहीं है। इस प्रकार इस दौरान हर माह अनुमानित रूप से 35-40 लाख रुपए की रिश्वत ली जाती थी, जिससे यह मामला करोड़ों रुपए में जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आगे की जांच जारी है और इस कार्यालय में पहले से तैनात सभी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी और कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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