चौंका देने वाले आंकड़े, पंजाब-चंडीगढ़ में प्रतिमाह चोरी होते है डेढ़ करोड़ के मोबाइल

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 12 Sep, 2023 08:28 PM

shocking figures of mobiles

पंजाब और चंडीगढ़ में प्रतिमाह करीब डेढ़ करोड़ रुपए के मोबाइल चोरी हो जाते हैं या गुम हो जाते हैं, जबकि देश में मोबाइल चोरी होने और गायब होने का आंकड़ा प्रतिमाह 50 करोड़ रुपए के करीब है।

जालंधर (नरेन्द्र मोहन): पंजाब और चंडीगढ़ में प्रतिमाह करीब डेढ़ करोड़ रुपए के मोबाइल चोरी हो जाते हैं या गुम हो जाते हैं, जबकि देश में मोबाइल चोरी होने और गायब होने का आंकड़ा प्रतिमाह 50 करोड़ रुपए के करीब है। लेकिन दूरसंचार विभाग के संचार साथी पोर्टल की मदद से अब चोरी हुई अथवा गुम हुए मोबाइल का पता लगाया जा सकता है। विभाग को इस मामले में काफी हद तक सफलता भी मिली है।

गौरतलब है कि बीती 16 मई को साथी पोर्टल की शुरूआत हुई थी। इसे चोरी या गुम हो चुके स्मार्टफोन को ट्रैक करने और ब्लॉक करने के लिए पेश किया गया था। यह केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर (सीईआईआर) का हिस्सा है। शुरू होने के बाद से लोगों ने पोर्टल पर फोन के गुम होने या चोरी हो जाने की काफी शिकायतें दर्ज कराई हैं। देश की बात करें तो इस पोर्टल की मदद से अब तक 2.85 लाख खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाया गया है। इनमें से 21,001 मोबाइल फोन बरामद भी कर लिए गए हैं। वहीं, 6.8 लाख फोन को ब्लॉक कर दिया गया है। सरकारी अनुमान के मुताबिक देश में हर महीने 50,000 मोबाइल फोन चोरी होते हैं।

दूरसंचार विभाग के डायरेक्टर सीबी सिंह ने बताया कि सरकार की यह पहल उपभोक्ताओं को उनके मोबाईल उपकरणो के प्रति ओर अधिक सशक्त करने की दृष्टि की गई है ताकि वे किसी भी मोड़ पर अपने आप को ठगा हुआ महसूस न करें। उन्होंनें बताया कि पोर्टल के अधीन तीन प्रकार - सीईआईआर, टेफकॉप और केवाईएम की सेवायें उपलब्ध करवाई जा रही है। सीईआईआर के माध्यम से खोये हुए मोबाईल का पता लगाया जा सकता है और यहां तक उपभोक्ता दुरुपयोग से बचने के लिए घर पर ही अपने मोबाईल को ब्लॉक कर सकता है जबकि टेफकॉप के द्वारा यह जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उपभोक्ता के नाम पर कितने मोबाईल कुनैक्शन चल रहे हैं, जिससे कि किसी भी बड़ी संभावित अपराध में लिप्त होने से बचा जा सकता है। तीसरी सेवा केवाईएम यानी नो यूअर मोबाइल के माध्यम से मोबाइल उपकरण को खरीदने से पहले पता लगाया जा सकता है कि क्या यह मोबाइल ब्लैकलिस्ट, डुप्लीकेट या पहले से ही इस्तेमाल में लाया गया है कि नहीं। पोर्टल सलाह देता है कि ऐसे उपकरणों को कभी न खरीदें। 

उन्होंने बताया कि पंजाब और चंडीगढ़ में करीब 4.5 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता है, जबसे साथी पोर्टल शुरू किया गया है तबसे पंजाब से 5341 लोगों ने मोबाइल चोरी होने पर या गुम हो जाने पर इस पोर्टल के मध्यम से सिम ब्लाक करवाए हैं और चंडीगढ़ में ऐसे लोगों की संख्या 339 है। इसी पोर्टल से पंजाब में चोरी अथवा गुम हुए मोबाइल में से 1572 की तलाश कर ली गई है और 258 बरामद भी कर लिए गए हैं, जबकि शेष में कार्रवाई चल रही है। ऐसे ही चंडीगढ़ में चोरी अथवा गुम हुए मोबाइल में से 92 ट्रेस कर लिए गए है और 13 बरामद भी कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब और चंडीगढ़ में विभिन्न स्थानों पर साथी पोर्टल को लेकर कैंप लगाये जा रहे है ताकि लोगों में जागरूकता आ सके, क्योंकि मोबाइल आज के युग में बैंक, मनोरंजन, शिक्षा, खरीददारी समेत सभी काम करता है, इसलिए इसकी सुरक्षा आवश्यक है। 

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