Edited By Urmila,Updated: 10 Dec, 2025 03:34 PM

एक बच्चे की हत्या के आरोपी के फरार होने पर बठिंडा कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए SSP को जांच के आदेश दिए हैं।
बठिंडा: एक बच्चे की हत्या के आरोपी के फरार होने पर बठिंडा कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए SSP को जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला बठिंडा के कोटफत्ता गांव में अंधविश्वास के चलते भाई-बहन की बलि देकर हत्या करने से जुड़ा है। इस मामले का मुख्य आरोपी तांत्रिक लखविंदर सिंह उर्फ लक्खी पैरोल पर रिहा हुआ था, लेकिन पैरोल का समय खत्म होने के बाद वह पिछले दो साल से फरार है। चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) बठिंडा ने इस पर सख्त रुख अपनाया है।
आरोपी लखविंदर सिंह के खिलाफ 18 सितंबर, 2023 से लगातार अरेस्ट वारंट जारी किए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। शिकायतकर्ता, कोटफत्ता निवासी परनजीत सिंह ने हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि आरोपी लखविंदर सिंह इलाके में खुलेआम घूम रहा है और अक्सर अपने घर और दूसरी जगहों पर देखा जाता है। परनजीत सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस को उसके ठिकाने के बारे में साफ जानकारी देने के बावजूद, किसी भी अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और न ही उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई कार्रवाई की।
इस पर, CJM ने कहा कि यह घटना पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाती है। कोर्ट ने SSP बठिंडा को मामले की पूरी जांच करने का आदेश दिया है। जांच इस बात पर फोकस होगी कि अरेस्ट वारंट जारी होने और शिकायतकर्ता के सही जानकारी देने के बावजूद पुलिस ने वारंट क्यों नहीं तामील किया और अपनी ड्यूटी क्यों नहीं निभाई।
जमानत जब्त करने और प्रॉपर्टी अटैच करने के आदेश
कोर्ट ने SSP बठिंडा को कहा है कि अरेस्ट वारंट तामील करने और आरोपी लखविंदर सिंह की गिरफ्तारी पक्का करने के लिए एक स्पेशल पुलिस अधिकारी नियुक्त करें। अगर इस बार भी वारंट तामील नहीं होता है, तो SSP की ओर से कोर्ट में कारण बताओ रिपोर्ट पेश की जाएगी। चूंकि आरोपी समय पर सरेंडर करने में नाकाम रहा है, इसलिए उसके जमानतदार सरताज सिंह की दी गई जमानत जब्त की जाती है। इसके साथ ही, डिप्टी कमिश्नर मानसा को आरोपी के जमानतदार की प्रॉपर्टी जब्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं। जब्ती की एंट्री प्रॉपर्टी रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए जमाबंदी की एक कॉपी DC मानसा को भेजी जाएगी।
जमानतदार सरताज सिंह की हाजिरी पक्की करने के लिए उसके खिलाफ गैर-जमानती अरेस्ट वारंट भी जारी किए गए हैं। कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी है कि अगली पेशी 19 दिसंबर 2025 को होगी। अगर तब तक वारंट वापस नहीं किए गए, तो वारंट तामील करने वाले अफसर के खिलाफ कानून और नियमों के तहत जरूरी डिपार्टमेंटल कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट और आरोपी अफसरों के खिलाफ की गई डिपार्टमेंटल कार्रवाई की रिपोर्ट भी अगली सुनवाई से पहले कोर्ट में पेश करनी होगी।
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