Edited By Kamini,Updated: 18 Oct, 2025 06:49 PM

शहरी क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य विभाग, मृदा संरक्षण विभाग, कनिष्ठ अभियंता और नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्राधिकार की मासिक रिपोर्ट तैयार करेंगे।
फरीदकोट (चावला): जिला मजिस्ट्रेट फरीदकोट पूनमदीप कौर आईएएस ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले में कुओं, बोरवेल/ट्यूबवेल की खुदाई/मरम्मत के संबंध में सख्त आदेश जारी किए हैं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे कुओं और बोरवेल/ट्यूबवेल की खुदाई के कारण लोगों और बच्चों के उनमें गिरने से होने वाली जान-माल की हानि को रोकने और आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के तहत पंजाब सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
आदेशों के अनुसार, फरीदकोट जिले की सीमा के भीतर भूमि मालिक को कुआं/बोर खोदने से पहले जिला कलेक्टर, संबंधित सरपंच, ग्राम पंचायत, नगर परिषद, जन स्वास्थ्य विभाग, मृदा संरक्षण विभाग को 15 दिन पहले सूचित करना होगा। कुओं/बोरवेल की खुदाई या मरम्मत करने वाली सभी एजेंसियों, जैसे सरकारी/अर्ध-सरकारी/निजी आदि, का पंजीकरण अनिवार्य है।
कुएं/बोरवेल की खुदाई या मरम्मत स्थल पर ड्रिलिंग एजेंसी और खोदे जा रहे कुएं के मालिक का पूरा पता अंकित एक साइट बोर्ड लगाया जाना चाहिए और उस बोर्ड पर ड्रिलिंग एजेंसी का पंजीकरण क्रमांक भी लिखा जाना चाहिए। बोरवेल को काँटेदार तार और नट-बोल्ट सहित स्टील प्लेट कवर से ढका जाएगा।
कुएं/बोरवेल की खुदाई या मरम्मत के बाद, यदि कोई खाली स्थान हो, तो उसे मिट्टी से भर दिया जाना चाहिए/खाली बोरवेल/कुएं को ऊपर तक मिट्टी/रेत से भर दिया जाना चाहिए और मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद, भूतल को उसके मूल स्तर पर बहाल कर दिया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच और कृषि विभाग के अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य विभाग, मृदा संरक्षण विभाग, कनिष्ठ अभियंता और नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्राधिकार की मासिक रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह आदेश 13 दिसंबर, 2025 तक लागू रहेगा।
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