Edited By Kalash,Updated: 08 Sep, 2025 06:26 PM

पंजाब में बाढ़ की मार और उससे हुए नुकसान सामने आने लगे है।
बुढलाडा (मनजीत): पंजाब में बाढ़ की मार और उससे हुए नुकसान सामने आने लगे है। बेशक पंजाब सरकार ने राज्य भर में स्कूल खोलने की घोषणा की है, लेकिन बाढ़ के बाद स्कूलों से जुड़ी घटनाएं सामने आने लगी हैं। इसके मद्देनजर पंजाब सरकार से सीमावर्ती जिलों के स्कूलों को लेकर दोबारा फैसला लेने की मांग उठ रही है। सोमवार को स्कूलों में सिर्फ अध्यापकों को
बुलाया गया और राज्य के कई स्कूलों में बाढ़ से हुए नुकसान की खबरें सामने आने लगी हैं। एक स्कूल की छत गिरने के अलावा एक स्कूल वैन पलटने और कई स्कूलों की छतों से पानी टपकता हुआ देखा गया। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बाढ़ ने स्कूल की इमारतों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।
कई स्कूलों में अभी भी बारिश का पानी जमा है। इसे देखते हुए सीमावर्ती जिलों के सरकारी स्कूलों में बच्चों की फिर से छुट्टियां करने की मांग उठी है। भाजपा के प्रदेश नेता और भाजपा जिला बठिंडा ग्रामीण के प्रधान गुरप्रीत सिंह मलूका ने कहा कि पंजाब के सीमावर्ती जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बारिश से हुई तबाही अभी भी जारी है। ऐसे में सरकारी स्कूल खोलना और बच्चों को स्कूल भेजना जोखिम भरा है। इसलिए सीमावर्ती जिलों में सरकारी स्कूल बच्चों की सुरक्षा, इमारतों का पूरा निरीक्षण और पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के इंतजान करने से पहले नहीं खोलने चाहिए।
इस दौरान छोटे स्कूली बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बारिश के कारण स्कूलों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जमीन नर्म हो गई है। कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। इसलिए पंजाब सरकार और शिक्षा विभाग को सीमावर्ती जिलों के स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा देनी चाहिए और स्कूलों का पूरा निरीक्षण, इमारतों की मरम्मत आदि करने के अलावा पानी और अन्य समस्याओं को दूर करना चाहिए।
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