Punjab में तबाही की कगार पर डाइंग इंडस्ट्री, वजह कर देगी हैरान

Edited By Vatika,Updated: 13 Sep, 2024 03:35 PM

punjab pollution control board

सके बावजूद उन पर सबसे ज्यादा गाज गिराई जा रही है। इस वजह से कारोबारी अब परेशान हो चुके हैं।

लुधियाना (राम): पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी अब हद कर रहे हैं। इस कारण डाइंग इंडस्ट्री तबाही की कगार पर पहुंच चुकी है। इंडस्ट्री संचालकों की अब बस हो चुकी है। इसकी बड़ी वजह यह है कि वॉशिंग यूनिट इलैक्ट्रो प्लाटिंग यूनिट और निकाल प्लांट के संचालक पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों से मिली भगत कर शहर में जमकर प्रदूषण फैला रहे हैं।

इसके बावजूद उन्हें कोई भी कुछ कहने वाला नहीं है। उधर डाइंग इंडस्ट्री से अगर कोई छोटी सी भी गलती हो जाती है तो उन पर भारी जुर्माना डाल दिया जाता है। यह स्थिति तब है, जब डाइंग इंडस्ट्री लाखों रुपए महीने का बिल अदा कर रहे हैं और सरकार के रैवेन्यू में भी करोड़ों रुपए योगदान देने के साथ ही कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके बावजूद उनके साथ धक्केशाही की जा रही है। वॉशिंग यूनिट, इलैक्ट्रो प्लाटिंग और निकल प्लांट कर रहे मनमानी, 70 फीसदी के पास कंसैंट नहीं है। जानकारी के अनुसार इन प्लांटों की तरफ से सरेआम गंदा पानी बुड्ढे नाले और सड़कों पर फैंक दिया जाता है। जिस वजह से प्रदूषण लगातार फैलता जा रहा है। उधर पी.पी.सी.बी. के अधिकारियों और मुलाजिमों ने इसे सांठगांठ कर रखी है। इसी वजह से इन पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही।

प्रदूषण की मार, सितम्बर में पड़ रही जून जैसी गर्मी
इन इंडस्ट्री की तरफ से लगातार प्रदूषण फैलाया जा रहा है। इसी वजह से स्थिति यह हो गई है कि सितंबर में जून जैसी गर्मी पड़ रही है। फिलहाल गर्मी से कोई भी राहत लोगों को नहीं मिल पा रही है। तेज धूप के कारण लोगों का बुरा हाल हो गया है, जबकि बड़े बुजुर्गों का कहना था कि अस्सु महीने में मौसम बहुत ही अच्छा होता है, जबकि अस्सु महीना 2-4 दिन में शुरू होने वाला है, ऐसे में पड़ रही भयंकर गर्मी के चलते लोगों की बुरी हालत हो चुकी है।

करोड़ों रुपए रैवेन्यू में योगदान देने वाली डाइंग इंडस्ट्री पर गिर रही सबसे ज्यादा गाज
रैवेन्यू में करोड़ों रुपए का योगदान देने वाले डाइंग इंडस्ट्री पर इस समय सबसे ज्यादा गाज गिर रही है। छोटी-मोटी गलती होने पर भी लाखों रुपए जुर्माना लगा दिया जाता है। डाइंग इंडस्ट्री ने करोड़ों रुपए खर्च करके शहर में 3 सी.ई.टी. प्लांट लगाए हैं और ट्रीट करके पानी फैंका जाता है। इसके बावजूद उन पर सबसे ज्यादा गाज गिराई जा रही है। इस वजह से कारोबारी अब परेशान हो चुके हैं।

फोन उठाना जरूरी नहीं समझते पी.पी.सी.बी. के अधिकारी
वहीं इस संबंध में जब जे.डी.ओ. 1 के एस.एस.ई. रविंद्र भट्टी से बात करने की कोशिश की तो बार-बार फोन करने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाया। इससे साफ है कि पी.पी.सी.बी. के अधिकारी मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचते रहते हैं।

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