Edited By Kamini,Updated: 03 Oct, 2024 12:35 PM
विश्व प्रसिद्ध मंदिर श्री बड़ा हनुमान मंदिर में भी आज से लंगूर मेला शुरू हो गया। इस मौके पर देश विदेश से श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर में माथा टेकने पहुंच रहे हैं।
अमृतसर : आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं, जिसको लेकर हर किसी के मन में उत्साह है। नवरात्रि में जिला अमृतसर के श्री दुर्ग्याणा मंदिर में स्थित विश्व प्रसिद्ध मंदिर श्री बड़ा हनुमान मंदिर में भी आज से लंगूर मेला शुरू हो गया। इस मौके पर देश विदेश से श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर में माथा टेकने पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि, यह मेला 10 दिन तक चलता है, जिसमें सुबह शाम लंगूर बने बच्चे माथा टेकते हैं। यह लंगूर मेला नवरात्र के पहले दिन से शुरू होता है और दशहरे के एक दिन बाद तक चलता है।
विश्व प्रसिद्ध लंगूर मेले की खास है मान्यता
बता दें कि श्री बड़ा हनुमान मंदिर श्री रामायण कालीन युग से है। इस मंदिर में श्री हनुमान जी की बैठी अवस्था में मूर्ति है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे श्री हनुमान जी ने स्वयं बनाया था। इस विश्व प्रसिद्ध लंगूर में मेले की एक खास ही मान्यता हैं। यहां पर जो लोग संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगते हैं, वह अवश्य पूरी होती है। इसी के चलते जब विवाहित जोड़ी को संतान की प्राप्ति होती है तो वह अपने बच्चों को लंगूर बनाकर लाल रंग की जरी वाली पोशाक, शंकाकार टोपी, हाथ में छड़ी, पांव में घुंघरू पहनाकर 10 दिन तक नंगे पांव रहते हैं और माथा टिकवाते हैं। 10 दिन तक चलने वाले इस लंगूर मेले को लेकर प्रशासन द्वारा ट्रैफिक की खास व्यवस्था की जाती है ताकि लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। इस मंदिर में हजारों की संख्या में बच्चे लंगूर की वेशभूषा में 10 दिनों तक हर रोज नतमस्तक होने आते हैं।
भगवान श्री राम ने दिया था श्री हनुमान जी को ये आशीर्वाद
गौरतलब है कि इसी मंदिर लव-कुश और भगवान श्री राम जी की सेना के मध्य युद्ध हुआ था। तब लव-कुश ने इसी मंदिर में श्री हनुमान को वट वृक्ष से बांध दिया था। यह वट वृक्ष आज भी मंदिर परिसर में मौजूद है। जब हनुमान जी बंधन मुक्त हुए तो श्री राम ने उनको आशीर्वाद दिया कि जहां उनकी संतान का मिलन हुआ है, वहां जो भी प्राणी संतान प्राप्ति की मनोकामना करेगा, पूरी होगी। इसलिए यहां परिवार संतान प्राप्ति की मनोकामना करते हैं। श्री बड़ा हनुमान मंदिर में लंगूरों के साथ-साथ शहर में कई टोलियों में हनुमान के स्वरूप बने युवक ढोल की थाप के साथ नाचते झूमते मंदिर आते हैं। यही नहीं हनुमान की यह सेना 9 दिनों तक व्रत रखती है और हनुमान जी का ध्यान करती है।
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