विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबरः पंजाब सरकार ने शरु की नई स्कालरशिप स्कीम

Edited By Sunita sarangal,Updated: 14 Oct, 2020 09:13 PM

punjab government launches new scholarship scheme

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने अधिक-से-अधिक विद्यार्थियों को लाभ देने के लिए आमदनी संबंधी मापदंड 2.5 लाख रुपए से.....

चंडीगढ़: पंजाब कैबिनेट ने एस.सी. विद्यार्थियों को सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं में ऊंची शिक्षा हासिल करने की सामर्थ्यता बनाने के लिए आज राज्य सरकार द्वारा केंद्र की रद्द की गई स्कीम की जगह पर एस.सी. पोस्ट मैट्रिक वजीफा स्कीम की शुरुआत करने को हरी झंडी दे दी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने अधिक-से-अधिक विद्यार्थियों को लाभ देने के लिए आमदनी संबंधी मापदंड 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए करने का ऐलान भी किया। कैप्टन अमरेंदर सिंह की अध्यक्षयता में हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग में डा. बी.आर. अम्बेदकर एस.सी. पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम को अकादमिक सैशन 2021-22 से लागू करने के लिए मंजूरी दी गई।

यह योजना अनुसूचित जातियों से संबंधित उनके लिए लागू होगी, जो पंजाब के निवासी हैं और पंजाब से (चण्डीगढ़ सहित) दसवीं पास कर चुके हैं। पंजाब के (चण्डीगढ़ सहित) सभी केंद्रीय/राज्य सरकार अधीन और निजी संस्थान इस स्कीम के अधीन कवर किए जाएंगे। इसका कुल वित्तीय बोझ लगभग 600 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इसमें से सरकारी संस्थानों की अस्थायी देनदारी तकरीबन 168 करोड़ रुपए होगी, जबकि बाकी 432 करोड़ रुपए का बोझ निजी शैक्षिक संस्थाएं और सरकार उठाएगी। सुधारी स्कीम के अंतर्गत राज्य सरकार मानती है कि प्राइवेट संस्थानों को 60 प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति की जाती है। इस हिसाब से 432 करोड़ रुपए में से सरकार का 60 प्रतिशत हिस्सा 260 करोड़ रुपए बनता है। यह स्कीम अनुसूचित जातियों के उन हजारों विद्यार्थियों को राहत देगी, जो भारत सरकार की ओर से साल 2018 में अचानक वापस ले ली गई पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के मौकों से वंचित रह गए थे क्योंकि केंद्र सरकार ने कई शोध करके इस स्कीम का सारा बोझ राज्य सरकार पर डाल दिया था। तब से राज्य सरकार को केंद्र की योजना के अंतर्गत कोई अनुदान प्राप्त नहीं हो सका।

सरकारी वक्ता के मुताबिक आमदन संबंधी मापदंड में संशोधन अनुसार नई योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी के माता-पिता की सांझी आमदनी की हद 2.50 लाख रुपए से बढ़ा कर 4 लाख रुपए कर दी गई है। अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों पर कोर्स की फीस का कोई बोझ नहीं पड़ेगा क्यों उन्हें नकद-रहित मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस स्कीम के बाकी नियम और शर्तें भारत सरकार की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम-2018 वाली ही रहेंगी।

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