तापमान में गिरावट से गेहूं के उत्पादन में होगी अभूतपूर्व बढ़ौतरी

Edited By swetha,Updated: 06 Jan, 2019 08:21 AM

production of wheat

सर्दी के इस मौसम में न्यूनतम तापमान में गिरावट से गेहूं की फसल का उत्पादन बढ़ेगा जोकि पंजाब-हरियाणा जैसे गेहूं के उत्पादक राज्यों के लिए अच्छी खबर है। पिछले कुछ दिनों के दौरान दोनों राज्यों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चले गए हैं।

जालंधर(पुनीत): सर्दी के इस मौसम में न्यूनतम तापमान में गिरावट से गेहूं की फसल का उत्पादन बढ़ेगा जोकि पंजाब-हरियाणा जैसे गेहूं के उत्पादक राज्यों के लिए अच्छी खबर है। पिछले कुछ दिनों के दौरान दोनों राज्यों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चले गए हैं। कृषि विशेषज्ञ व पंजाब राज्य किसान आयोग के सलाहकार पी.एस. रंगी के मुताबिक वर्तमान मौसम की स्थिति गेहूं की फसल के लिए अनुकूल है। तापमान में गिरावट से फसल की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, परिणामस्वरूप फसल की पैदावार बढ़ेगी। गेहूं एक तापमान-संवेदनशील फसल है और इसे ठंडा करने के लिए ठंडी परिस्थितियों की आवश्यकता होती है। सूर्य के प्रकाश के साथ कम तापमान इसकी बढ़ौतरी में मदद करेगा। अंतत: यह फसल अच्छे नतीजे देगी। 

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भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पिछले सप्ताह पंजाब व हरियाणा के कुछ हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहा है। हरियाणा और पंजाब में अलग-अलग स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से (-1.6 डिग्री से -3.0 डिग्री) तक कम रहा है। पंजाब के अलग-अलग स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से (-3.1 से -5.0 डिग्री) कम रहा है, जबकि हरियाणा में यह (-1.6 से -3.0 डिग्री) कम रहा । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, चंडीगढ़ में निदेशक सुरिंदर पाल के मुताबिक पंजाब और हरियाणा सामान्य तापमान से नीचे आ रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान दिसम्बर में उम्मीद से परे रहा तापमान फसल के लिए चिंता का विषय था, लेकिन इस साल सर्दियों में बढ़ौतरी होने के कारण फसल को लाभ होने की संभावना है। 

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केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सीजन के दौरान पंजाब में लगभग 34.69 लाख हैक्टेयर में गेहूं की फसल बोई गई। हरियाणा में 21 दिसम्बर तक इसका रकबा 24.04 लाख हैक्टेयर है। दोनों राज्यों में केंद्रीय पूल में गेहूं का प्रमुख योगदान है। सुरिंदर पाल ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक पूरे क्षेत्र में शुष्क मौसम के रहने की संभावना है, कम तापमान से मिट्टी को नमी बनाए रखने में मदद मिलेगी, जो अन्यथा बारिश के अभाव में फसल की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। सर्दियों की फसल गेहूं अक्तूबर के अंत से दिसम्बर के बीच बोई जाती है, जबकि फसल की कटाई अप्रैल के बाद से शुरू होगी।

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