Edited By Kalash,Updated: 19 Mar, 2023 10:45 AM

यू.पी. और बिहार में आलू की भरपूर फसल होने के कारण कोई भी व्यापारी आलू खरीदने के लिए आगे नहीं आ रहा है
तपा मंडी : यू.पी. और बिहार में आलू की भरपूर फसल होने के कारण कोई भी व्यापारी आलू खरीदने के लिए आगे नहीं आ रहा है, जिससे आलू की कीमत 1500-200 रुपए प्रति गट्टा (50 किलो) है। जिससे किसान अपना खर्चा नहीं उठा पा रहे हैं और किसान विरोध में स्वरूप आलू सड़क किनारे फैंक रहे हैं और यू.पी. और बिहार में भी किसान सड़क किनारे आलू फैंक रहे हैं और सरकार की बदनामी कर रहे हैं। ऐसा ही पंजाब में भी ऐसी ही घटनाएं हो रही हैं। जब हमारे प्रतिनिधि ने ताजोक रोड स्थित मार्कीट कमेटी का दौरा किया और देखा कि सड़कों पर पड़े आलू ज्यादातर कुछ गरीब परिवारों द्वारा उठाए गए थे या बेसहारा पशुओं द्वारा खाए जा रहे थे। आलू के एक व्यापारी ने बताया कि पिछले 2 सीजन में व्यापारियों को आलू में भारी नुक्सान हुआ है और अब उन्हें आलू खरीदने का मलाल है जिससे आलू के भाव और भी गिर रहे हैं।
इस संबंध में कुछ किसान बलविंदर सिंह, गुरविंदर सिंह और राज सिंह सिद्धू का कहना है कि जब किसानों ने घास मारने के लिए छिड़काव किया तो आलू पर दवा के असर से एक आलू नष्ट हो गया और दूसरा आलू कोहरे के कारण नष्ट हो गया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार गेहूं और धान जैसी आलू की फसल को खरीदने की व्यवस्था करे, नहीं तो खेती चौपट हो जाएगी।
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