पंजाब सरकार के लिए महंगा साबित होगा पैडी सीजन, बढ़ेगा वित्तीय बोझ

Edited By Kalash,Updated: 14 May, 2022 11:08 AM

paddy season will prove to be costly for punjab government

आर्थिक तंगी से गुजर रही पंजाब सरकार के लिए इस बार का पैडी सीजन बेहद महंगा साबित होने वाला है जिससे वित्तीय बोझ बढ़ेगा। बिजली की मांग के अनुरूप उपलब्धता

जालंधर (ब्यूरो): आर्थिक तंगी से गुजर रही पंजाब सरकार के लिए इस बार का पैडी सीजन बेहद महंगा साबित होने वाला है जिससे वित्तीय बोझ बढ़ेगा। बिजली की मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं होने से पावर कटों का सामना भी करना पड़ सकता है जिससे बचने के लिए पावरकॉम द्वारा इंडस्ट्री व किसानों को बिजली देने में तालमेल बनाया जा रहा है। आलम यह है कि समय से पहले पड़ रही भीषण गर्मी के कारण पंजाब में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है जो पैडी सीजन में पीक पर पहुंच जाएगी जिससे निपटने के लिए विभाग को सैंट्रल पूल से बिजली खरीदनी पड़ेगी क्योंकि विभाग के अपने उत्पादन से बिजली की मांग पूरी कर पाना संभव नहीं है।

पैडी सीजन में कम बारिश होने से बिजली की मांग के 16,500 मैगावाट का आंकड़ा छू जाने का अनुमान है जबकि पिछली बार यह मांग 15,000 मैगावाट पहुंची थी। बिजली खर्च पर विभाग को अनुमानित 2,500 से 2,800 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। इसमें कोयले की खरीद पर 1500 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है। पैडी सीजन से निपटने के लिए विभाग 400 करोड़ रुपए से अधिक की बिजली पहले ही खरीद चुका है।

राज्य में बिजली की मांग रूटीन में 9,000 मैगावाट तक पहुंच रही है जो पिछले वर्ष से 35 प्रतिशत अधिक है। बीते रोज यह मांग 10,000 मैगावाट का आंकड़ा भी छू चुकी है जिसके चलते अधिकारी बिजली व कोयले का प्रबंध करने में लगे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि थर्मल प्लाटों को सुचारू ढंग से चलाने के लिए 1,600 करोड़ रुपए के कोयले का आयात करने की उम्मीद है, साथ ही पीक डिमांड को पूरा करने के लिए विभिन्न स्रोतों से बिजली खरीदी जा रही है।

विभाग को कोयले को लेकर किल्लत का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते पिछले दिनों कई थर्मल प्लांटों के यूनिट भी बंद हो चुके हैं जो बिजली संकट का कारण बना था। विभाग अब महंगा विदेशी कोयला खरीदकर इस कमी को पूरा करेगा। वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि विभाग यदि खुद की बिजली का उत्पादन करता है तो उस पर भी खर्च आता है, उपभोक्ता को सुचारू सप्लाई देने के लिए बाहर से बिजली खरीदनी पड़ रही है।

धान की सीधी बिजाई पर सरकार देगी 1500 रुपए प्रति एकड़
पंजाब में किसान 20 मई से धान की सीधी बिजाई कर सकते हैं। सरकार सीधी बुवाई के लिए प्रोत्साहित कर रही है ताकि पानी के गिरते स्तर को बचाया जा सके। किसानों को इस सीजन में धान की फसल का अधिक से अधिक क्षेत्रफल सीधी बिजाई के अधीन लाने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को न केवल 1500 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता मुहैया करवाएगी बल्कि कृषि विभाग इस तकनीक को अपनाने में किसानों को अपेक्षित सहयोग भी देगा। इस विधि में पानी का कम मात्रा में उपयोग होता है। इस तकनीक को अपनाना समय की जरूरत है। 

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