Edited By Vatika,Updated: 23 Aug, 2019 01:17 PM
केंद्र सरकार ने दखल न दिया तो परचून मार्कीट में प्याज थोक में 50 रुपए प्रति किलो व परचून में 80 रुपए प्रति किलो से भी ऊपर पहुंच सकता है।
जालंधर (शैली): केंद्र सरकार ने दखल न दिया तो परचून मार्कीट में प्याज थोक में 50 रुपए प्रति किलो व परचून में 80 रुपए प्रति किलो से भी ऊपर पहुंच सकता है। राज्य भर की सब्जी मंडियों में प्याज 32 से 35 रुपए किलो तक बिक रहा है व परचून में भाव 45-55 तक प्रति किलो पहुंच चुके हैं। देश भर में नासिक व एम.पी. के प्याज की आमद हो रही है। बरसात से प्याज की फसल खराब होने से भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं जमाखोरों को भी इसका जिम्मेदार माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार प्याज की जमाखोरी जमकर नासिक, एम.पी. व राजस्थान में की जा रही है।
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र और कर्नाटक की बाढ़ की वजह से प्याज की आपूर्ति में अड़चन के बीच इसकी जमाखोरी के खिलाफ बुधवार को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उपरोक्त दोनों प्रदेश प्याज के प्रमुख उत्पादक हैं। सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यहां उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव अविनाश के. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विभाग ने प्याज की कीमतों की समीक्षा की। बैठक में नाफेड, एन.सी.सी.एफ. और सफल सहित विभिन्न पक्षों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों के कुछ हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे आपूर्ति बाधित होने की आशंका है।बैठक के बाद जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया-मौजूदा समय में सफल बिक्री केन्द्र द्वारा खुदरा बिक्री के लिए प्याज मूल्य स्थिरीकरण कोष (पी.एस.एफ.) के तहत बनाए गए सरकारी स्टॉक से उपलब्ध कराया जा रहा है। सफल (मदर डेयरी का एक बिक्री केन्द्र) में प्याज के लिए खुदरा कीमत की सीमा 23.90 रुपए प्रति किलोग्राम (ग्रेड ए किस्म) तय की गई है।
सफल को सरकारी बफर स्टॉक से उसी दर पर प्याज मिलता रहेगा, जिस दर पर बुधवार को दिया गया था। विज्ञप्ति के अनुसार विभाग की ओर से समय-समय पर मूल्य स्थिति की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी। दिल्ली में ताजे फल और सब्जियों की सबसे बड़ी खुदरा शृंखला सफल को भी प्याज के लिए अपने खुदरा परिचालन की मात्रा को दोगुना करने के लिए कहा गया है। नाफेड और एन.सी.सी.एफ. को भी उनके बिक्री केन्द्र और मोबाइल वैन के माध्यम से सफल के समान कीमतों पर खुदरा प्याज बिक्री करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा सरकारी बफर स्टॉक से प्याज बड़े खुदरा विक्रेताओं को लागत मूल्य पर दिया जाएगा ताकि जनता को उचित दर पर इसकी आपूर्ति की जा सके।