Edited By swetha,Updated: 27 Mar, 2020 10:45 AM
कोरोना वायरस के पंजाब में सोमवार दोपहर 2 बजे से राज्य सरकार द्वारा अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया है।
लुधियानाः कोरोना वायरस के पंजाब में सोमवार दोपहर 2 बजे से राज्य सरकार द्वारा अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया है। इस स्थिति में आम लोगों के साथ-साथ नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को घरों में सहायता प्रदान करने गए कई नर्सें और मैडीकल अटेंडेंट कर्फ्यू में वहीं फंस गए। हालांकि प्रशासन ने कर्फ्यू के दौरान नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों को छूट दी है, लेकिन इस स्थिति में उनके पास अपना पहचान पत्र या पास होना जरूरी है।
पर इन सबसे कुछ महिला अटेंडेंट अपने घर नहीं लौट सकी हैं। वह मरीजों के घर रहने को मजबूर हैं। नर्स का काम करती न्यू पंजाब माता नगर की रहने वाली 35 वर्षीय सिमरन की बी कुछ ऐसी ही स्थिति है। उसे अपने 2 नाबालिग बेटियों की चिंता है,जो घर पर अकेली है। वह खुद पिछले 5 दिनों से मरीज के घर फंसी हुई हैं। उसने बताया कि बस सेवा बंद होने के कारण उसका पति बरनाला में फंसा हुआ है। वह रविवार को मरीज की देखभाल के लिए गुरदेव नगर पक्खोवाल गई थी। तभी प्रशासन ने घरों में रहने का आदेश दे दिया।
इसी कारण वह घर नहीं जा सकी। उसकी 16 साल की बेटी खाना बना रही है। पर दोनों वहां अकेली है। उसने कहा कि मरीज और परिवार की देखभाल करना उसका कर्तव्य है। इसलिए प्रशासन उसे बाहर आने-जाने की आजा दे,जिससे वह अपने मरीज और परिवार की अच्छी तरह से देखभाल कर सके। कुछ ऐसा ही हाल बलजीत कौर का है,जो लुधियाना के पी.जी. में रहती हैं। वह बस सेवा बंद होने के कारण फगवाड़ा में अपने मरीज के घर रह रही हैं।