Edited By Urmila,Updated: 20 Mar, 2023 10:13 AM

भारत के जी-20 प्रेसीडैंसी के हिस्से के रूप में अमृतसर, पंजाब में लेबर-20 (एल-20) एंगेजमैंट गु्रप की स्थापना बैठक में वैश्विक कार्यबल से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श शुरू हुआ।
अमृतसर : भारत के जी-20 प्रेसीडैंसी के हिस्से के रूप में अमृतसर, पंजाब में लेबर-20 (एल-20) एंगेजमैंट गु्रप की स्थापना बैठक में वैश्विक कार्यबल से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श शुरू हुआ, ताकि जी-20 देशों और संस्थानों को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने वाले विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दिशा प्रदान की जा सके। ट्रेड यूनियन नेता, श्रम अध्ययन विशेषज्ञ व 20 देशों के प्रतिनिधि भारत की जी-20 अध्यक्षता में लेबर-20 की उद्घाटन बैठक में सामाजिक सुरक्षा के सार्वभौमिकरण और काम के भविष्य के केंद्र में महिलाओं को रखने का आह्वान करने के लिए कमर कस रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में एल-20 अध्यक्ष और भारतीय मजदूर संघ (बी. एम.एस.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या ने कहा कि 2023 में जी-20 की भावना के अनुरूप, विश्व की कार्य शक्ति एक परिवार है। उन्होंने जी-20 विषय ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ पर प्रकाश डाला और बताया कि यह अवधारणा विश्व स्तर पर श्रमिक आंदोलनों के लिए कैसे प्रासंगिक है। जी-20 देशों के ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों के अलावा एल-20 कार्यक्रम की पिछली अध्यक्षता इंडोनेशिया व अगली अध्यक्षता ब्राजील के प्रतिनिधि कर रहे हैं। बी.एम.एस. के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सी.के. साजी नारायणन ने कहा कि एल-20 बैठक 20 मार्च को सामाजिक सुरक्षा और महिला और काम के भविष्य के सार्वभौमीकरण पर एक संयुक्त बयान के साथ समाप्त होगी। इन दोनों विषयों पर विस्तार से चर्चा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट महिलाओं पर सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव डालता है और इसलिए काम का भविष्य प्रमुख रूप से महिला कार्यबल पर निर्भर करता है, जिसे विश्व स्तर पर दिशा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में श्रम प्रवास के नवीनतम रुझानों के मद्देनजर, सामाजिक सुरक्षा की सुवाह्यता के लिए एक वैश्विक तंत्र विकसित करना भी महत्वपूर्ण है। भारत के योजना आयोग के पूर्व सदस्य अरुण मायरा ने कहा कि भारत दुनिया में शांति और सद्भाव चाहता है और कहा कि यह अर्थव्यवस्था में ‘पारिवारिक भावना’ को वापस लाने का समय है। ऐसे कई समुदाय हैं, जो अर्थव्यवस्था और समाज में अपने भविष्य की भलाई के बारे में चिंतित हैं। इनमें महिलाएं, युवा, किसान, कारखाने के कर्मचारी, स्व-नियोजित श्रमिक और सूक्ष्म उद्यम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अब उन सभी को सुना जाना चाहिए।
आज महिलाओं के भविष्य पर होगी चर्चा
आज दिनभर श्रम के अंतर्राष्ट्रीय प्रवास और सामाजिक सुरक्षा कोष की सुवाह्यता पर पांच समानांतर तकनीकी सत्र हुए, अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक संरक्षण; कौशल प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन व नियोक्ताओं, कर्मचारियों और सरकारों की भूमिका और उत्तरदायित्व, जी-20 देशों में कार्य की बदलती दुनिया और रोजगार के नए अवसर व सस्टेनेबल डिसैंट वर्क को बढ़ावा देना। दो दिवसीय एल-20 इंसैप्शन मीट 20 मार्च को महत्वपूर्ण रूप से महिलाओं और काम के भविष्य पर चर्चा होगी।
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