Edited By Mohit,Updated: 03 Jan, 2021 03:12 PM
भाजपा नेताओं द्वारा राज्य में अमन-कानून की स्थिति बिगड़ने के लगाए जा रहे आरोपों पर.............
अमृतसर (वैब डेस्क): भाजपा नेताओं द्वारा राज्य में अमन-कानून की स्थिति बिगड़ने के लगाए जा रहे आरोपों पर पूर्व मंत्री और सीनियर कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में अमन-कानून की स्थिति ठीक है जबकि भाजपा पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने का बहाना ढूंढ रही है। सिद्धू ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलनकारी किसानों की जा रही जान सरकार की प्रमुख चिंता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाबियों को बदनाम कर रही है और उनकी लोकतांत्रिक आवाज को कुचल के रिलाइंस के व्यापार बचाने और पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने का बहाना ढूंढ रही है।
भाजपा ने राज्यपाल से की शिकायत
बता दें कि बीते दिनों पंजाब भाजपा द्वारा राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर के पास पंजाब में अमन-कानून की स्थिति बिगड़ने संबंधी शिकायत की गई। इस पर बदनौर द्वारा नियमित तौर पर राज्य के मुख्य सचिव और डी.जी.पी. को तलब करने के लिए नोटिस भेजा था। वहीं इसके चलते पंजाब में राजनीति उफान पर है। पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा द्वारा 4 जनवरी से पक्का धरना शुरू करने की घोषणा कर दी है। इस मुहिम की शुरूआत फरीदकोट जिले से करेंगे। इसी प्रकार के धरने-प्रदर्शन जालंधर, अमृतसर सहित अन्य जिलों में भी किए जाएंगे। भाजपा ने साफ कहा है कि किसान आंदोलन की आढ़ में विरोधी पक्ष अपनी अलग राजनीति कर रहा है, जिसे माफ़ नहीं किया जाएगा।
इस मामले पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि राज्य में अमन-कानून की व्यवस्था बिलकुल ठीक है जबकि भाजपा द्वारा जान बूझकर कृषि कानून के मसले और किसानों के आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे हरकतें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने अफसरों को तलब करने के मामले पर नाराजगी प्रगटाते हुए यह भी कहा कि अगर राज्यपाल को स्थिति के बारे में किसी तरह का कोई परेशानी थी तो यह मसला गृह मामलों का निगरान होने के नाते उनके पास (कैप्टन अमरेन्द्र सिंह) उठाना चाहिए था।