व्यापारियों के नेताओं ने खुद ही सरकार से मिन्नतें करके हड़ताल समाप्त की, जानिए वजह

Edited By Sunita sarangal,Updated: 06 Oct, 2019 01:43 PM

misguided meeting of merchants with the government

पंजाब आढ़ती एसोसिएशन द्वारा खुद ही हड़ताल की घोषणा की गई और खुद ही असफल होते देखकर हड़ताल वापस ले ली।

चंडीगढ़/जालन्धर(स.ह.): पंजाब आढ़ती एसोसिएशन द्वारा खुद ही हड़ताल की घोषणा की गई और खुद ही असफल होते देखकर हड़ताल वापस ले ली। फैडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब के अध्यक्ष विजय कालड़ा, सीनियर उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह बराड़, हरबंस सिंह रोशा, देवी दयाल गोयल ने कहा कि पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह चीमा व्यापारियों और किसानों को गुमराह कर रहे है कि सोमवार को पंजाब सरकार के साथ उनकी पी.एफ.एम.एस. को लेकर बैठक है। वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है और कोई ऐसी बैठक पंजाब सरकार ने नहीं रखी है। उन्होंने कहा कि चीमा खुद ही पंजाब सरकार के चीफ  प्रिंसीपल सैक्रेटरी सुरेश कुमार से उनके किसी पारिवारिक समारोह में बिना बुलाए शामिल हुए और सुरेश कुमार के बिना कहे ही असफल हो रही हड़ताल के समाप्त करने की घोषणा कर दी।

कालड़ा ने कहा कि जिस प्रकार केन्द्र सरकार ने भारतीय कपास निगम के मार्फत किसानों से सीधे ही कपास-नरमे की फसल खरीदनी शुरू की है, उससे आढ़तियों को आर्थिक रूप से बर्बाद करने की तैयारी की जा रही है। इसके विरोध में 9 अक्तूबर को फैडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब द्वारा अपने सभी पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों की एक बैठक नरमा-कपास पट्टी के क्षेत्र मुक्तसर में बुलाई है, जिसमें कपास की सीधी खरीद के विरुद्ध संघर्ष की रूपरेखा तय की जाएगी और केन्द्र सरकार को मजबूर किया जाएगा कि नरमे-कपास की सीधी खरीद बंद करे। उन्होंने कहा कि पी.एफ.एम.एस. योजना भी केन्द्र सरकार द्वारा पंजाब पर थोपी गई है, परन्तु केन्द्र सरकार में शामिल अकाली दल और भाजपा के पंजाब से मंत्री इस मुद्दे पर मुंह बंद किए बैठे हैं।

पी.एफ.एम.एस. योजना के विरुद्ध पंजाब आढ़ती एसोसिएशन की कथित हड़ताल को महज धन एकत्र करने का नाटक बताते हुए कालड़ा ने कहा कि कुछ लोग अपनी डूबती नाव को बचाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं और ऐसे लोगों का अतीत में भी चरित्र शक्की रहा है जिन्होंने धन एकत्र करने के लिए व्यापारियों को डराकर रुपए एकत्र किए और ऐसे लोगों से आढ़तियों को सावधान रहना चाहिए और उनके बहकावे नहीं आना चाहिए। 

कालड़ा ने कहा कि जब बीती 7 अगस्त को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ही चंडीगढ़ में फैडरेशन ऑफ  आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब के समारोह में यह बात स्पष्ट कह चुके हैं कि फसलों की खरीद आढ़तियों के मार्फत और राशि का भुगतान भी आढ़तियों के माध्यम से ही किया जाएगा और अगर केन्द्र सरकार ने इसके विरुद्ध करने की कोशिश की तो वे खुद केन्द्र सरकार के विरुद्ध धरना देंगे। श्री कालड़ा ने कहा कि मंडियों में अभी धान की मामूली आमद शुरू हुई है, इसीलिए ऐसे नेता राजनीति कर रहे है । जबकि वास्तविक्ता यह है कि आढ़ती भी और किसान भी मुख्यमंत्री के आश्वासन पर पी एफ एम एस के साथ जुड़ने के लिए तैयार है और यहां तक कि भारतीय किसान युनीयन एकता ने भी पी.एफ.एम.एस के साथ जुड़ने का ऐलान कर दिया है।

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