Edited By Urmila,Updated: 27 Sep, 2024 10:36 AM
एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना ने आढ़तियां द्वारा 30 तारीख तक दाना मंडी में परमल धान खरीदने से इनकार कर दिया है।
खन्ना: एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना ने आढ़तियां द्वारा 30 तारीख तक दाना मंडी में परमल धान खरीदने से इनकार कर दिया है। अगर केंद्र सरकार ने आढ़तियों की मांगें नहीं मानी तो आढ़तियों ने 1 अक्टूबर से हड़ताल की चेतावनी दी है। यह फैसला आढ़ती एसोसिएशन खन्ना के अध्यक्ष हरबंस सिंह रोशा के नेतृत्व में मंडी में हुई बैठक दौरान लिया गया।
अध्यक्ष हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि तीन साल पहले केंद्र सरकार ने उनके आढ़त का कमीशन 46 रुपये प्रति क्विंटल पर रोक लगा दी थी, जबकि उनकी मांग है कि आढ़त का कमीशन 2.5 प्रतिशत प्रति क्विंटल की दर से दिया जाए, इसके साथ ही लेबर की कटौती ई.पी.एफ. और एफ.सी.आई. कुछ किसानों के दबे पैसे वापिस करने की मांग है। इस संबंध में 20 सितंबर को केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री के साथ बैठक हुई थी। केंद्रीय मंत्री ने रिपोर्ट मंगवाकर मांगों का समाधान करने का आश्वासन दिया था, अगर केंद्र सरकार ने समस्या का समाधान नहीं किया तो 1 अक्तूबर से आढ़ती किसान पंजाब भर की मंडियों में हड़ताल करने को मजबूर होंगे।
हरबंस सिंह ने कहा कि सरकार शैलरों के लिए अभी तक कोई पॉलिसी नहीं लेकर आई है। कोई नीति नहीं होने के कारण दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड नहीं किए जा सकते। इसके साथ ही पंजाब के दोगामों में नया चावल रखने की जगह नहीं है, जिसके कारण गोदामों में जगह नहीं है। अब शैलर मालिक भी हड़ताल पर हैं जिससे मंडी में आने वाली फसल को उठाने में दिक्कत होगी।
वहीं, 30 तारीख तक धान खरीदने से इनकार करने और एक अक्तूबर से बाजार बंद करने की घोषणा से किसान चिंतित हो गये हैं। किसान अमृत सिंह बैनीपाल ने कहा कि धान की फसल मंडियों में आ रही है। केंद्र और राज्य सरकार को इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए ताकि किसानों की फसल न गिरे।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here