Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 09:24 AM
रसूखदार हमेशा ही मनमानी करते हैं। वह पैसे के दम पर या फिर राजनेताओं के आशीर्वाद से अवैध कार्यों को अंजाम देते हैं। वह न तो प्रशासन से डरते हैं न ही कानून से। ऐसा ही कुछ मंजर बुलंदपुर से गदईपुर को जाती सड़क पर देखने को मिलता है जहां कुछ अवैध कालोनी...
जालंधर (सुनील): रसूखदार हमेशा ही मनमानी करते हैं। वह पैसे के दम पर या फिर राजनेताओं के आशीर्वाद से अवैध कार्यों को अंजाम देते हैं। वह न तो प्रशासन से डरते हैं न ही कानून से। ऐसा ही कुछ मंजर बुलंदपुर से गदईपुर को जाती सड़क पर देखने को मिलता है जहां कुछ अवैध कालोनी काटने वाले लोगों ने जालंधर विकास प्राधिकरण (जे.डी.ए.) के बोर्ड की अवहेलना करते हुए कथित तौर पर अवैध कालोनी काट डाली है। निगम चुनावों का समय है और प्रशासन की सारी तवज्जों उस ओर है, शायद इसी को ध्यान में रखते हुए यह कालोनी काटी गई है। जे.डी.ए. ऐसी अवैध कालोनियों के ऊपर अपना चेतावनी बोर्ड लगा देता है जिस पर सख्ती भरे लहजे में खरीदारों व अवैध कालोनी काटने वालों के लिए चेतावनी लिखी रहती है। सूत्रों के अनुसार सरकारी मशीनरी इससे अवगत होते हुए भी मूकदर्शक बनी हुई है और सरकारी खजाना खाली रहता है। उल्लेखनीय है कि गांव बुलंदपुर से गदईपुर को जाती सड़क के पास कट रही अवैध कालोनी के बारे में कुछ लोग डी.सी. जालंधर को अवगत भी करवाने की सोच रहे हैं ताकि अवैध कालोनी काटने वालों पर नकेल कसी जा सके।
क्या चेतावनी बोर्ड लगाकर जी.डी.ए. करता है खानापूर्ति
सवाल यह उठता है कि क्या चेतावनी बोर्ड लगा कर जी.डी.ए. मात्र खानापूर्ति ही करता है। उसके बाद न तो उस स्थल का दौरा किया जाता है और न ही यह देखा जाता है कि बोर्ड वहां स्थापित है भी कि नहीं। क्या जी.डी.ए. अधिकारियों का फर्ज नहीं बनता कि अवैध कालोनी काटने वालों पर कानूनी कार्रवाई करें। फिलहाल जी.डी.ए. की कछुआ चाल कारगुजारी सवालिया निशान खड़े कर रही है क्योंकि चेतावनी बोर्ड लगाने के उपरांत भी अवैध कालोनी काटने वालों का प्लाटिंग करना कहीं न कहीं अवैध कालोनी काटने वालों के साथ मिलीभगत की ओर इशारा करता है।